Bharat Ratna Karpoori Thakur: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री Karpoori Thakur को भारत रत्न दिया जाएगा। कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। यह घोषणा केंद्र की मोदी सरकार की ओर मंगलवार देर शाम की गई। 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है। जयंती से एक दिन पहले की सरकार की ओर से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है।
मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी… pic.twitter.com/hRkhAjfNH3
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
Highlights
Bharat Ratna Karpoori Thakur: कर्पूरी ठाकुर का जन्म और शिक्षा
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तिपुर जिले के पितौंझिया गाँव में समाज के सबसे पिछड़े वर्गों में से एक नाई समाज में हुआ था में हुआ था। उन्होंने सामाजिक भेदभाव और असमानता के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया, उनके संघर्ष और नीतियों के वजह से कई लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आए खासकर शिक्षा, रोजगार और किसान कल्याण के क्षेत्र में।
Bharat Ratna Karpoori Thakur: कर्पूरी ठाकुर का राजनितिक शुरआत
ठाकुर अखिल भारतीय छात्र संघ में शामिल हो गए और 942 में भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के लिए अपना स्नातक कॉलेज छोड़ दिया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भागीदारी के लिए, उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए। भारत के स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, ठाकुर ने अपने गाँव के स्कूल में एक शिक्षक के रूप में काम किया।
वे 1952 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में ताजपुर निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा के सदस्य बने। ठाकुर हिंदी भाषा के बहुत बड़े समर्थक थे, आगे चलकर जब वे बिहार के शिक्षा मंत्री बने तो, उन्होंने मैट्रिक पाठ्यक्रम के लिए अनिवार्य विषय के रूप में अंग्रेजी को हटा दिया।
Bharat Ratna Karpoori Thakur: कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे।
वह पहली बार वह सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय क्रांति दल की सरकार में सीएम बने थे और वह दूसरी बार जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने 1970 में टेल्को मजदूरों के हित को बढ़ावा देने के लिए 28 दिनों के लिए आमरण अनशन किया। ठाकुर ने 1970 में बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी मुख्यमंत्री बनने से पहले बिहार के मंत्री और उप-मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने बिहार में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध भी लागू किया था।
कर्पूरी ठाकुर की जब बिहार में सरकार थी, तब उन्होंने पिछड़े वर्ग के लिए 12 फीसद आरक्षण लागू किया था। तथा उनके शासनकाल के दौरान बिहार के पिछड़े क्षेत्रों में उनके नाम पर कई स्कूल और कॉलेज स्थापित किए गए।
Bharat Ratna Karpoori Thakur: कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ की मांग
लम्बे समय से कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग बिहार से उठती रही है। कर्पूरी ठाकुर की जब बिहार में सरकार थी, 26 जनवरी, 2024 को कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें एक जन नायक और एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए अथक परिश्रम किया।
Position | In Office |
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Chief Minister (1st Term) | 22 December 1970 – 2 June 1971 |
Chief Minister (2nd Term) | 24 June 1977 – 21 April 1979 |
Deputy Chief Minister | 5 March 1967 – 31 January 1968 |
Education Minister | 5 March 1967 – 31 January 1968 |
Other Details | |
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Born | 24 January 1924 |
Place of Birth | Pitaunjhia, Bihar and Orissa Province, British India |
Died | 17 February 1988 (aged 64) |
Place of Death | Patna, Bihar, India |
Political Party Affiliations | Socialist Party, Bharatiya Kranti Dal, Janata Party, Lok Dal |
Occupation | Freedom Fighter, Teacher, Politician |
Awards | Bharat Ratna (2024) |
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