Nimisha  Priya

Nimisha  Priya

Nimisha  Priya, एक ऐसी नर्स जिनकी कहानी बनी सुर्खिया  केरल की एक नर्स, जिनकी कहानी ने पूरे देश का ध्यान खींचा। नौकरी के सिलसिले में वे यमन गई थीं, लेकिन वहां उनकी जिंदगी ने एक खौफनाक मोड़ ले लिया। एक यमनी नागरिक द्वारा उत्पीड़न और धोखाधड़ी से परेशान होकर उन्होंने आत्मरक्षा में कदम उठाया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद निमिषा को यमन में मौत की सजा सुनाई गई। अब उनकी मां और सामाजिक संगठन उन्हें बचाने के लिए प्रयासरत हैं। निमिषा की कहानी साहस, संघर्ष और न्याय की लड़ाई का प्रतीक बन गई है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है।

कैसे यमन की ज़मीन पर फंसी Nimisha Priya की ज़िंदगी

Nimisha  Priya, एक भारतीय नर्स, अच्छे भविष्य की तलाश में यमन पहुंचीं थीं। उन्होंने वहां एक व्यक्ति हाजीज़ मुबारेक से साझेदारी में क्लिनिक खोला, लेकिन जल्द ही वो रिश्ता धोखे और अत्याचार में बदल गया। हाजीज़ ने निमिषा के दस्तावेज़ जब्त कर लिए और निमिषा को बंधक बनाकर शारीरिक व मानसिक शोषण किया। खुद को बचाने के प्रयास में हुई एक घटना में हाजीज़ की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा को यमन में मौत की सजा सुनाई गई। आज उनकी मां और कई संगठन उनकी रिहाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह कहानी मानवाधिकारों की गूंज बन गई है।

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Murder Case या Self-Defense? क्या थी Nimisha Priya की सच्चाई

Nimisha  Priya  Murder Case और Self-Defence के बीच झूलता एक जटिल सच बन गया है। यमन में काम करते हुए उन्होंने हाजीज़ मुबारेक नामक व्यक्ति के साथ क्लिनिक शुरू किया, लेकिन वह रिश्ता जल्दी ही जबरदस्ती, शोषण और बंधक बनाने में बदल गया। आरोप है कि हाजीज़ ने निमिषा के दस्तावेज़ छीन लिए और उन्हें यातनाएं दीं। खुद को आज़ाद कराने की कोशिश में निमिषा ने उसे बेहोश कर भारत भेजने की योजना बनाई, लेकिन हाजीज़ की मौत हो गई। यमन की अदालत ने इसे हत्या माना, पर भारत में कई लोग इसे आत्मरक्षा का मामला बता रहे हैं।

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Save Nimisha Priya’ आंदोलन: जब पूरा देश साथ आया