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RodBez in Shark Tank Season 3
RodBez: पिछले कुछ सालो से देश में लोग स्टार्टअप के लिए बहुत प्रेरित हुए है, आइये दिन नयी-नयी स्टार्टअप शुरू हो रहे है लोग छोटी जगहों से भी स्टार्टअप शुरू करके लाखो करोडो के कारोबार कर रहे है। ऐसा ही एक स्टार्टअप शार्क टैंक इंडिया-3 में आया जो बिहार के एक बस दसवीं पास रिक्शे वाले ने 4 करोड़ की कंपनी खडी कर दी।
RodBez को कितने का इन्वेस्टमेंट मिला ?
दिलखुश अपनी RodBez टैक्सी की तादाद को बढ़ाना चाहते हैं. इसके लिए वो शार्क टैंक में इन्वेस्टमेंट मागंने के लिए गए थे। अमन, अनुपम और पीयूष तो इस डील से बाहर हो गए, लेकिन विनीता और रितेश को दिलखुश का आईडिया बहुत पसंद आया दोनों ने साथ मिलकर निवेश किया।
दोनों ने 20 लाख रुपये के बदले 5 फीसदी इक्विटी ली और 12 फीसदी की दर पर 2 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन दिया. इस तरह उनके बिजनेस RodBez की वैल्यू 4 करोड़ रुपये लगी दिलखुश का कहना है की उनकी कंपनी RodBez सिर्फ 35 फीसदी ऑर्डर डिलीवर कर पाती है, जबकि डिमांड बहुत ज्यादा है. दिलखुश का मानना RodBez को हर महीने 1.5 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है क्युकी डिमांड के हिसाब से सप्लाई ने दे पा रहे है।
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कौन है दिलखुश RodBez के मालिक?
दिलखुश कुमार बिहार के सहरसा जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं, 10वीं कक्षा तक पढ़ाई करके चपरासी की एक वैकेंसी के लिए इंटरव्यू देने गए थे. वहां उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई, क्योंकि वह आईफोन का लोगो नहीं पहचान पाए थे। गुस्से में, उसने अपने प्रमाणपत्र जला दिए और अपने पिता से उसे टैक्सी चलाना सिखाने के लिए कहा।
निराश होकर उसके पिता ने उसे गाड़ी चलाना सिखाया। दिलखुश ने 3500 रुपये में गाड़ी चलाना शुरू किया, इसके बाद वह ड्राइवर की नौकरी पाने के लिए दिल्ली पहुंचे। हालांकि, यहां भी उन्हें कही भी ड्राइवर की नौकरी हाथ लगी। किसी भी कार के मालिक ने उन्हें अपनी कार चलाने नहीं दी क्योकि उन्हें दिल्ली के सड़को के बारे में जानकारी नहीं था।
इसके बाद उन्होंने पैडल वाली रिक्शा चलाने का फैसला किया। लेकिन रिक्शा चलाने के कुछ ही दिनों बाद दिलखुश की तबीयत बिगड़ने लगी तभी वह घर वपस चले गए।
RodBez के मालिक दिलखुश का लोगो ने मजाक बनाया था
घर वापस आने बाद घर परिवार की आर्थिक स्तिथि ठीक ना होने के कारण पटना में फिर 4000 रुपये पर ड्राइवर का काम शुरू किये लेकिन इसमें भी मन न लगने के कारण अधिक पैसा कमाने के लिए कंस्ट्रिक्शन लाइन में बिजली, आग और निर्माण का काम किया।
जिसमे कुछ पैसे उन्होंने एक कार ख़रीदा लिया लेकिन फिर कुछ दिन बाद कंस्ट्रक्शन लाइन का काम बंद होने से उसी अपने कार से कैब ड्राइविंग का काम शुरू किया , लेकिन उस समय गॉव में लोग उनका मजाक उड़ाए थे की गांव में कैब कौन इस्तेमाल करेगा लेकिन दिलखुश ने हार नहीं माना और करते गए।
कैसे शुरू की RodBez कंपनी ?
दिलखुश ने कुछ पैसे इकठा करके साल 2016 में अपनी कंपनी AryaGo की स्थापना की। जिसमे वो लोगो को भाड़े पर गाड़िया प्रदान करते थे, इसमें उन्होंने कई सार ड्राइवर्स को आपने साथ जोड़ा। लेकिन वह अपने ड्राइवर्स को ज्यादा कमाई नहीं करवा पा रहे थे, फिर दिलखुश ने 2022 में RodBez नाम की एक कैब कंपनी की शुरुआत की जिसका मकसद पैसेंजर को काम पैसे में पहुंचना है।
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RodBez और कैब कंपनियों से अलग है क्योकि इसमें खुद ड्राइवर अपना लोकेशन डालता है जिस भी रास्ते से जाना होता है और पैसेंजर को जब अपना कैब बुक करना होता है तो कैब ड्राइवर के लोकेशन से हिसाब से बुक कर लेते है जिससे पैसेंजर को दोनों साइड का किराया नहीं बल्कि बस एक साइड का ही देना पड़ता है, ऐसे में पैसेंजर का एक साइड का पैसा बचता है।
RodBez में एक खासियत और है की RodBez अपने पैसेंजर का पूरी तरह से ख्याल रखती है. इसके लिए जैसे ही कोई पैसेंजर टैक्सी में बैठता है. कंपनी का एक्जीक्यूटिव पैसेंजर से वॉट्सऐप पर लगातार व्हाट्सअप पर टच में रहता है जिससे पैसेंजर को सेफ्टी को अपनी चिंता नहीं रहती। दिलखुश ने बताया की RodBez अपने पैसेंजर्स को समय के साथ पहुंचने की कमीनटेन्ट करता है अगर किसी का भी लेट होने के कारण फ्लाइट मिस हो जाता है तो RodBez उस फ्लाइट का किराया रिफंड में देता है।
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