Home » जाने बसंत पंचमी के दिन किए जाने वाले शुभ कार्य, और क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार

बसंत पंचमी हर साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था, जो विद्या, संगीत और कला की देवी मानी जाती हैं। इसी कारण बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। यह पर्व ऋतु परिवर्तन का संकेत भी देता है, क्योंकि इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है।

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बसंत पंचमी का धार्मिक महत्व

  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने जब सृष्टि बनाई, तो उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे माँ सरस्वती प्रकट हुईं
  • माँ सरस्वती ने अपनी वीणा बजाई, जिससे संसार में मधुरता और ज्ञान का प्रकाश फैला
  • तभी से माँ सरस्वती को विद्या, संगीत और कला की देवी माना जाता है और इस दिन उनकी पूजा की जाती है।
बसंत पंचमी Religious practice
बसंत पंचमी

बसंत पंचमी से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएँ

  1. इस्लामी और सूफी परंपरा में बसंत पंचमी
    • 12वीं शताब्दी में लोचन सिंह बक्शी ने इस पर्व को भारतीय मुस्लिम सूफियों के बीच लोकप्रिय बनाया।
    • इसे दिल्ली के निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह पर मनाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज भी चल रही है।
  2. सिख धर्म में बसंत पंचमी का महत्व
    • यह दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के विवाह दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
    • इसे लाहौर निवासी वीर हकीकत से भी जोड़ा जाता है, जिससे इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है।

बसंत पंचमी और पीले रंग का महत्व

  • इस दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है क्योंकि पीला रंग ज्ञान, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
  • पीले रंग को गुरु बृहस्पति से भी जोड़ा जाता है, जो बुद्धि और शिक्षा के ग्रह माने जाते हैं।
  • इस दिन पीले फूल, पीले चावल, केसर की खीर, हलवा और चने की दाल का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी

बसंत पंचमी के दिन किए जाने वाले शुभ कार्य

  1. माँ सरस्वती की पूजा करें
    • माँ सरस्वती की मूर्ति या चित्र के सामने वीणा, पुस्तकें, और लेखन सामग्री रखकर पूजा करें।
    • देवी को पीले फूल और पीले रंग के प्रसाद अर्पित करें।
  2. विद्या की शुरुआत करें (अक्षर लेखन)
    • इस दिन छोटे बच्चों को पहली बार पढ़ने-लिखने की शुरुआत करवाई जाती है
    • विद्यार्थी अपनी किताबों और पेन-पेंसिल की पूजा करते हैं
  3. सात्विक भोजन करें
    • इस दिन प्याज, लहसुन, मांस और शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
    • केवल सात्विक और हल्का भोजन ग्रहण करें।
  4. ऋषि पंचमी का पूजन करें
    • इस दिन गणेश जी और सप्तर्षियों की पूजा भी की जाती है।
    • रोली, चावल और फूल चढ़ाकर सप्तर्षियों का ध्यान करें

 

बसंत पंचमी से होली की शुरुआत

  • बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है।
  • इस दिन के बाद मौसम बदलने लगता है, पेड़-पौधों में नए पत्ते आने लगते हैं और फूल खिलने लगते हैं
  • होली का पहला संकेत बसंत पंचमी से ही मिल जाता है

बसंत पंचमी का वैज्ञानिक महत्व

  • इस दिन से ठंड कम होने लगती है और मौसम गर्म होने लगता है
  • पेड़ों में नई कोपलें आनी शुरू हो जाती हैं और खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते हैं
  • वातावरण में ताजगी और खुशहाली का अहसास होता है

बसंत पंचमी सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि ज्ञान, कला, ऋतु परिवर्तन और नए जीवन का प्रतीक है। इस दिन माँ सरस्वती की पूजा करके हम विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह पर्व प्राकृतिक सौंदर्य, सकारात्मक ऊर्जा और खुशी का संदेश देता है। 🌼🙏