भारत के Supreme Court You tube Channel Hacked हो चूका है, मिली मीडिया जानकारी के मुताबिक 20 सितंबर को हैक कर लिया गया, जिसमें अदालत की कार्यवाही की जगह रिपल लैब्स की क्रिप्टोकरेंसी XRP को प्रमोट किया गया। यह सुरक्षा उल्लंघन सुप्रीम कोर्ट के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि चैनल का उपयोग संवेदनशील मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए किया जाता है।
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Supreme Court You tube Channel Hacked: हैकर्स ने क्या किया, चैनल को हैक करके।
न्यूज़ 18 के अनुसार, 20 सितंबर, शुक्रवार को भारत के सर्वोच्च न्यायालय का यूट्यूब चैनल हैक हो गया। इस सुरक्षा उल्लंघन के कारण अदालत की कार्यवाही के बजाय अनधिकृत क्रिप्टोकरेंसी सामग्री प्रसारित की गई। हैकर्स ने चैनल पर अमेरिकी कंपनी रिपल लैब्स की क्रिप्टोकरेंसी XRP को प्रमोट करने वाले वीडियो अपलोड कर दिए।
चैनल पर एक लाइव वीडियो का शीर्षक था “ब्रैड गार्लिंगहाउस: रिपल ने एसईसी के $2 बिलियन के जुर्माने पर प्रतिक्रिया दी! XRP मूल्य भविष्यवाणी,” जो दर्शकों को कोर्ट की पूर्व रिकॉर्डिंग के बजाय दिखाया गया। सभी पुराने वीडियो को निजी बना दिया गया, जिससे दर्शकों के लिए अदालती कार्यवाही का दृश्य देखना असंभव हो गया।
Supreme Court You tube Channel Hacked: क्यों करती है सुप्रीम कोर्ट यूट्यूब चैनल का इस्तमाल?
सुप्रीम कोर्ट आमतौर पर अपने यूट्यूब चैनल का उपयोग संविधान पीठों और जनहित के महत्वपूर्ण मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए करता है। इस घटना ने कोर्ट के चैनल की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
मीडिया न्यूज़ के अनुसार, इस दिन न्यायालय को कुछ महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करनी थी, जिसमें एक जनहित याचिका (PIL) शामिल थी। इस याचिका में केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों की नियुक्ति की सूचना देने की मांग की गई थी। इसके अलावा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई भी होनी थी, जो कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित थी।
Supreme Court You tube Channel Hacked: संवेदनशील मामलों का प्रसारण
चैनल ने हाल ही में कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित संवेदनशील मामले का भी प्रसारण किया था।
सुप्रीम कोर्ट की आईटी टीम ने तुरंत इस मामले को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के पास उठाया है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि हैकिंग का कारण क्या है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वेबसाइट में “समझौता” हुआ प्रतीत होता है।
अंततः इस घटना ने न्यायपालिका के लिए इस महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। सर्वोच्च न्यायालय के यूट्यूब चैनल की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।