Home » Yuvraj Singh: जाने 6 गेंदों पर 6 क्कों की ऐतिहासिक कहानी
Yuvraj Singh

Yuvraj Singh Image Credit: X

Yuvraj Singh: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा नाम है जो अद्भुत क्षमताओं और साहस का पर्याय बन चुका है। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में उनकी अविश्वसनीय पारी ने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया। खासकर 19 सितंबर 2007, वह दिन जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में छह छक्के लगाकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर दिया। इस घटना ने न केवल भारतीय क्रिकेट में एक नए अध्याय की शुरुआत की, बल्कि युवराज को “सिक्सर किंग” की उपाधि भी दिलाई। आइए इस घटना के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।

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Yuvraj Singh:  2007 T20 वर्ल्ड कप

टी20 वर्ल्ड कप 2007, दक्षिण अफ्रीका में खेला जा रहा था। भारत के पास इस नए प्रारूप में खुद को साबित करने का शानदार मौका था। इंग्लैंड के खिलाफ यह मुकाबला भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह ग्रुप चरण का एक निर्णायक मैच था। भारतीय टीम ने जोरदार शुरुआत की, लेकिन असली धमाका हुआ तब जब युवराज सिंह बल्लेबाजी करने आए।

Yuvraj Singh: 6 छक्कों का ऐतिहासिक ओवर

मैच का 18वां ओवर क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय क्षण बन गया। इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड इस ओवर में गेंदबाजी कर रहे थे। इससे पहले, भारतीय पारी के 17वें ओवर में युवराज और इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ के बीच तीखी बहस हुई।फ्लिंटॉफ ने युवराज के चौकों पर नाराजगी जताते हुए अपशब्द कहे। जवाब में, युवराज ने गुस्से और आत्मविश्वास से लबालब होकर कहा, “मेरे हाथ में बल्ला है, इससे तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हूं।” इस घटनाक्रम ने युवराज को भीतर से प्रेरित किया और उन्होंने अगले ओवर में अपनी प्रतिभा का जादू दिखा दिया।

ओवर का क्रम:

  1. पहली गेंद: लांग ऑन के ऊपर छक्का।
  2. दूसरी गेंद: डीप स्क्वायर लेग के ऊपर छक्का।
  3. तीसरी गेंद: एक्स्ट्रा कवर के ऊपर छक्का।
  4. चौथी गेंद: पॉइंट के ऊपर छक्का।
  5. पांचवीं गेंद: लांग ऑफ के ऊपर छक्का।
  6. छठी गेंद: डीप मिडविकेट के ऊपर छक्का।

19 गेंदों में बनाए गए 58 रन ने क्रिकेट इतिहास में एक ऐसी पारी को जन्म दिया जो हमेशा के लिए यादगार बन गई।

Yuvraj Singh: सबसे तेज़ अर्धशतक का रिकॉर्ड

युवराज सिंह ने इस पारी में केवल 12 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। यह टी20 क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज़ अर्धशतक है और आज तक कोई खिलाड़ी इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है। उनकी इस पारी में 7 छक्के और 3 चौके शामिल थे। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता थी, बल्कि भारतीय टीम की जीत के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हुआ। युवराज सिंह के इस प्रदर्शन ने भारतीय टीम को जीत का आत्मविश्वास दिया। यह मैच भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ क्योंकि टीम ने इसके बाद टूर्नामेंट में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता।

युवराज सिंह का करियर और संघर्ष

इनका क्रिकेट करियर न केवल उपलब्धियों से भरा हुआ है, बल्कि इसमें संघर्ष और चुनौतियां भी शामिल हैं। 2011 वनडे वर्ल्ड कप में, वह भारत के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने। वर्ल्ड कप जीतने के कुछ ही समय बाद उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और मैदान पर वापसी करके एक बार फिर अपने जुनून का परिचय दिया। युवराज सिंह, जो 12 दिसंबर को अपना 43वां जन्मदिन मनाएंगे, आज भी लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं। उनकी यह उपलब्धि और उनकी प्रेरणादायक कहानी हमें याद दिलाती है कि जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को साकार किया जा सकता है।

रणजी ट्रॉफी और अन्य रिकॉर्ड्स

युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा घरेलू क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया। 2016 रणजी ट्रॉफी में पंजाब की ओर से खेलते हुए उन्होंने बरोडा के खिलाफ 260 रनों की यादगार पारी खेली।

उनके प्रमुख रिकॉर्ड्स में शामिल हैं:

  • टी20 क्रिकेट में एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले पहले खिलाड़ी।
  • 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के महत्वपूर्ण सदस्य।
  • अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 17,000 से अधिक रन और 100 से अधिक विकेट।

युवराज की विरासत

इस महान खिलाड़ी ने  खेल सिर्फ रिकॉर्ड्स तक सीमित नहीं है। उनकी पारी युवाओं को कठिन परिस्थितियों में खुद पर विश्वास बनाए रखने की प्रेरणा देती है। उन्होंने दिखाया कि किस तरह एक खिलाड़ी दबाव में भी अद्भुत प्रदर्शन कर सकता है। युवराज सिंह के छह छक्कों की यह घटना भारतीय क्रिकेट की सबसे चमकदार उपलब्धियों में से एक है। यह घटना दर्शाती है कि किस तरह आत्मविश्वास और साहस से कोई भी खिलाड़ी असंभव को संभव कर सकता है। युवराज का यह कारनामा न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह हर भारतीय क्रिकेट प्रशंसक के लिए गर्व का विषय है।

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