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“Online Gaming की लत से 96 लाख रुपये का कर्ज, परिवार ने छोड़ा साथ आज के दौर में ऑनलाइन गेमिंग की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं रहा, बल्कि कई लोगों के लिए आर्थिक और मानसिक बर्बादी का कारण बन रहा है। हाल ही में एक युवक हिमांशु मिश्रा ने अपनी कहानी साझा की, जिसमें उसने बताया कि कैसे ऑनलाइन गेमिंग की लत ने उसकी ज़िंदगी को तबाह कर दिया।”

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Online Gaming और 96 लाख रुपये का कर्ज

हिमांशु, जो JEE मेन्स परीक्षा पास कर चुका था, ने ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण अपनी इंजीनियरिंग की फीस तक गंवा दी। उसने अपने ऊपर 96 लाख रुपये का कर्ज ले लिया, जिसे चुकाने का कोई उपाय नहीं बचा है। इस लत ने उसकी आर्थिक स्थिति को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है।

Online Gaming के कारण परिवार ने तोड़ा रिश्ता

मिली जानकारियों मुताबिक, हिमांशु की मां, जो एक अध्यापिका हैं, को जब इस कर्ज के बारे में पता चला, तो उन्होंने उससे बातचीत बंद कर दी। हिमांशु का भाई भी अब उससे बात नहीं करता। हिमांशु ने बताया, “मैं अपनी भतीजी से बात करना चाहता हूं, लेकिन अब परिवार के लोग मुझसे दूरी बनाए हुए हैं।”

क़र्ज़ से आत्महत्या की कोशिश

ऑनलाइन गेमिंग की लत से उत्पन्न तनाव और कर्ज की भारी दिक्कतों ने हिमांशु को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। हालांकि वह इस प्रयास में असफल रहा। उसने लोगों से उधार भी लिया और कुछ गलत कामों में फंस गया, जिनकी वजह से अब वह और भी ज्यादा परेशानी में है।

पुलिस हिरासत का अनुभव

हिमांशु ने यह भी खुलासा किया कि एक पुलिसकर्मी ने उसे गेम खेलने के लिए प्रेरित किया था। जब वह पैसे हार गया, तो पुलिसकर्मी ने उसे सात दिनों तक पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा। इस घटना ने उसके जीवन को और ज्यादा मुश्किल बना दिया।

Online Gaming की सामाजिक समस्या

हिमांशु की यह कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। लोगों ने ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कई लोग इसे शराब और नशे से भी ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं, क्योंकि इससे न सिर्फ व्यक्ति का आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि परिवार भी टूट जाता है।

सरकार और समाज की भूमिका

यह मामला सिर्फ हिमांशु का नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी समस्या का संकेत है जो देशभर में फैल रही है। ऑनलाइन गेमिंग के विज्ञापनों ने युवाओं को लुभाने का काम किया है, जिसमें उन्हें करोड़पति बनने के झूठे सपने दिखाए जाते हैं।

सरकार को इस गंभीर समस्या पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे विज्ञापनों और गेम्स पर कड़ी पाबंदी लगानी चाहिए। साथ ही, समाज और परिवारों को अपने बच्चों से खुलकर संवाद करना चाहिए ताकि उन्हें इस तरह की लतों से बचाया जा सके।

Online Gaming से होनेवाली हानियाँ।

  • लत लगना (Addiction): अत्यधिक गेमिंग की आदत लगने से व्यक्ति अपने जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों से ध्यान हटा सकता है।
  • समय की बर्बादी: गेम खेलने में अत्यधिक समय बिताने से पढ़ाई, नौकरी, और अन्य व्यक्तिगत कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं: लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठने से आँखों की थकान, सिरदर्द, और पीठ दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • नींद की कमी: रात में देर तक गेम खेलने से नींद की कमी होती है, जिससे शरीर और मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है।
  • मानसिक तनाव: गेम में हारने या किसी खास लेवल तक न पहुंच पाने से तनाव और निराशा का सामना करना पड़ सकता है।
  • सामाजिक अलगाव: ऑनलाइन गेम में अत्यधिक व्यस्तता के कारण व्यक्ति अपने दोस्तों और परिवार से दूर हो सकता है।
  • आर्थिक नुकसान: कई ऑनलाइन गेम्स में इन-ऐप खरीदारी होती है, जिसमें व्यक्ति अनावश्यक रूप से पैसा खर्च कर सकता है।
  • शैक्षिक प्रदर्शन में गिरावट: छात्रों के लिए ऑनलाइन गेम्स उनकी पढ़ाई पर बुरा असर डाल सकते हैं और उनके अकादमिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
  • गुस्से की प्रवृत्ति: गेम में बार-बार हारने से व्यक्ति चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो सकता है।
  • साइबर धमकी और सुरक्षा मुद्दे: कई बार ऑनलाइन गेम्स में साइबर बुलिंग और हैकिंग के खतरे भी होते हैं, जिससे व्यक्ति की निजी जानकारी खतरे में पड़ सकती है।

अंततः हिमांशु की कहानी एक चेतावनी है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत कितनी खतरनाक हो सकती है। यह न केवल आर्थिक रूप से बर्बाद करती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी व्यक्ति को तोड़ देती है। इसलिए, समय रहते इस लत के प्रति जागरूक होना और इसे रोकने के उपाय करना बेहद जरूरी है।

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