Champions Trophy 2025: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच लंबे समय से जारी विवाद के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए हाईब्रिड मॉडल को मंजूरी दे दी है। दरअसल, बीसीसीआई ने साफ कर दिया था कि वह भारतीय टीम को पाकिस्तान में खेलने के लिए नहीं भेजेगा। इसके बाद PCB और ICC के बीच कई दौर की बातचीत हुई। अंततः, दोनों पक्षों ने हाईब्रिड मॉडल पर सहमति जताई।
Champions Trophy 2025: हाईब्रिड मॉडल क्या है?
हाईब्रिड मॉडल के अनुसार, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के मैच दो अलग-अलग स्थानों पर खेले जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत के मैच दुबई में होंगे, जबकि अन्य टीमों के मुकाबले पाकिस्तान में आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, टूर्नामेंट का आयोजन 19 फरवरी से 9 मार्च 2025 तक किया जाएगा। हालांकि, यह मॉडल दोनों देशों के लिए संतोषजनक समाधान लगता है, फिर भी इससे कई नई चुनौतियां भी उत्पन्न हुई हैं। उदाहरण के लिए, भारत-पाकिस्तान मैचों का दुबई में होना मेजबानी के फायदे से पाकिस्तान को वंचित कर देगा। इसके बावजूद, यह मॉडल सुरक्षा और राजनीतिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित समाधान प्रदान करता है।
PCB को नहीं मिलेगा मुआवजा
हालांकि PCB ने हाईब्रिड मॉडल के बदले मुआवजे की मांग की थी, लेकिन आईसीसी ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके विपरीत, आईसीसी ने PCB को 2027 के बाद महिला वर्ल्ड कप और अंडर-19 टूर्नामेंट की मेजबानी के अधिकार दिए हैं। हालांकि यह एक संतोषजनक सौदा लग सकता है, लेकिन पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि इससे PCB को कोई बड़ा फायदा नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने इसे ‘लॉलीपॉप’ करार देते हुए कहा कि PCB को इसके बदले एशिया कप 2025 की मेजबानी की मांग करनी चाहिए थी।
Champions Trophy 2025 में पाकिस्तान की नई शर्त
इसके अलावा, PCB ने 2026 टी20 वर्ल्ड कप को लेकर भी एक नई शर्त रखी है। इस शर्त के अनुसार, पाकिस्तान की टीम लीग स्टेज के मैचों के लिए भारत की यात्रा नहीं करेगी। इसके बजाय, ये मुकाबले श्रीलंका के कोलंबो में आयोजित होंगे। इस शर्त को भी आईसीसी ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, यह निर्णय एक समझौते के तहत लिया गया है, फिर भी यह साफ दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों में सुधार की संभावना अब भी दूर है।
पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों की नाराजगी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। विशेष रूप से, पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने PCB की आलोचना करते हुए कहा कि इस समझौते से पाकिस्तान क्रिकेट को कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा: “यह लॉलीपॉप है जो आईसीसी PCB को दे रही है। अगर PCB इसे स्वीकार करता है, तो भविष्य में उन्हें नुकसान होगा। उन्हें महिला वर्ल्ड कप की बजाय एशिया कप की मेजबानी की मांग करनी चाहिए थी।”
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों की मौजूदा स्थिति
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों में तनाव नया नहीं है। याद दिला दें कि 2008 एशिया कप के बाद से भारतीय टीम ने पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की टीम ने 2023 वनडे वर्ल्ड कप के लिए भारत का दौरा किया था। हालांकि, दोनों देशों के बीच सुरक्षा और राजनीतिक मुद्दों के चलते स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है।
अंततः, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन की राह अब साफ हो गई है। हाईब्रिड मॉडल के माध्यम से, आईसीसी ने दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने का प्रयास किया है। हालांकि, यह मॉडल एक अस्थायी समाधान है और इससे PCB को आर्थिक नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। इस फैसले से जहां एक ओर क्रिकेट प्रेमियों को राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों में सुधार की संभावना फिलहाल दूर की बात है।
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