18 अक्टूबर 2024 – अमेरिका के न्याय विभाग ने खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी ‘Vikas Yadav’ को दोषी ठहराया है। इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों में तनाव की स्थिति बन सकती है। गुरुवार को दोनों देशों ने पुष्टि की कि आरोपी अधिकारी को पद से हटा दिया गया है, और अमेरिका ने भारत द्वारा की जा रही जांच पर संतोष जताया है।
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‘Vikas Yadav’ पर अमेरिका ने लगाए आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, विकास यादव ने पन्नू की हत्या की साजिश रची और इसके लिए निखिल गुप्ता नामक व्यक्ति को नियुक्त किया। निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य में जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि गुप्ता ने पन्नू की हत्या की योजना बनाई थी। यादव पर हत्या की साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे हैं। अदालत में यह मामला फिलहाल विचाराधीन है और निखिल गुप्ता ने खुद को निर्दोष बताया है।
एफबीआई की प्रतिक्रिया
एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने इस साजिश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम अमेरिका में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ हिंसा या प्रतिशोध की कोई साजिश स्वीकार नहीं करेंगे। अमेरिका में रह रहे लोगों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।” एफबीआई ने पन्नू की हत्या की साजिश को अमेरिका में शांति और सुरक्षा के खिलाफ माना है और इसे एक गंभीर अपराध के रूप में देखा है।
Vikas Yadav: गुरपतवंत सिंह पन्नू कौन थे।
गुरपतवंत सिंह पन्नू, एक प्रमुख खालिस्तानी नेता, लंबे समय से भारत सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं। पन्नू को भारत ने आतंकवादी घोषित कर दिया है। उनकी गतिविधियाँ भारत की सुरक्षा के लिए खतरा मानी जाती रही हैं। पन्नू अमेरिका में रहकर खालिस्तान समर्थक अभियान चला रहे थे, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियां चिंतित थीं।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस साजिश में किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस मामले से भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही, भारत ने जांच में सहयोग देने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच दल अमेरिका भेजा है। अमेरिकी अधिकारियों ने भी भारत के इस सहयोग की सराहना की है।
निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी
निखिल गुप्ता, जिसे इस साजिश का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है, को जून 2023 में चेक गणराज्य की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें बाद में अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था, जहां उन पर मुकदमा चल रहा है। अमेरिकी अदालत में गुप्ता ने खुद को निर्दोष बताते हुए सभी आरोपों से इनकार किया है। हालाँकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि गुप्ता ने पन्नू की हत्या के लिए पूरी योजना बनाई थी, जिसे अमेरिकी जांच एजेंसियों ने विफल कर दिया।
‘Vikas Yadav’ के कारण भारत-अमेरिका संबंधों पर असर
इस मामले से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव बढ़ने की संभावना है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि भारत ने इस मामले में पूरी तरह से सहयोग किया है। दोनों देशों के बीच संवाद जारी है, और इस मामले को सुलझाने के लिए आपसी सहयोग बनाए रखा गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों इस मामले पर मिलकर काम कर रहे हैं और जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखी जा रही है।
भारत ने सरकार अधिकारीयों पार लगे आरोप को किया ख़ारिज ?
यह मामला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, वर्तमान में दोनों देश इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत सरकार ने अपने अधिकारी पर लगे आरोपों को खारिज किया है, जबकि अमेरिका इस साजिश को गंभीर अपराध के रूप में देख रहा है। दोनों देशों के बीच आपसी संवाद से इस मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह देखना बाकी है कि इस मामले का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा।
गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश ने भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक रिश्तों को मुश्किल में डाल दिया है। विकास यादव पर लगे आरोपों ने मामले को और गंभीर बना दिया है, जबकि निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी ने इस साजिश को और उजागर कर दिया है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा, जबकि भारत ने इस साजिश में शामिल होने से साफ इनकार किया है।
अंततःआने वाले समय में यह देखना होगा कि इस मामले का दोनों देशों के संबंधों पर क्या असर पड़ता है और क्या इस साजिश के पीछे की सच्चाई पूरी तरह सामने आ पाती है।
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