उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform civil code) या समान नागरिक संहिता (UCC BILL) के मसौदे को मंजूरी दे दी। उत्तराखंड मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने से राज्य विधानसभा में अब इसे कानून बनाने का मार्ग साफ़ हो गया है। इसी के साथ उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता (UCC BILL) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सीएम धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो भी पोस्ट किया. उन्होंने लिखा- विधानसभा में ऐतिहासिक “समान नागरिक संहिता विधेयक” पेश किया
विधानसभा में ऐतिहासिक “समान नागरिक संहिता विधेयक” पेश किया। #UCCInUttarakhand pic.twitter.com/uJS1abmeo7
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 6, 2024
क्या है UCC BILL ?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform civil code) या समान नागरिक संहिता (UCC BILL) में देश में सभी धर्मों, समुदायों के लिए एक सामान, एक बराबर कानून बनाने की बात की गई है। देश के हर नागरिक के लिए एक समान कानून. फिर भले ही वह किसी भी धर्म या जाति से ताल्लुक क्यों न रखता हो। फिलहाल देश में अलग-अलग मजहबों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से हर धर्म के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा।
UCC BILL का मतलब हर धर्म के पर्सनल लॉ में एकरूपता लाना है। इसके तहत हर धर्म के कानूनों में सुधार और एकरूपता लाने पर काम होगा. यूनियन सिविल कोड का अर्थ एक निष्पक्ष कानून है, जिसका किसी धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है। आसान भाषा में बताया जाए तो इस कानून का मतलब है कि देश में सभी धर्मों, समुदाओं के लिए कानून एक समान होगा। यह संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है। इसमें कहा गया है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।
UCC BILL से क्या बदल जायेगा अब
- यूनिफॉर्म सिविल कोड(UCC BILL) पर ड्राफ़्ट कमेटी की रिपोर्ट कुल 780 पन्नों की है. इसमें क़रीब 2 लाख 33 हज़ार लोगों ने अपने विचार दिए हैं. इसे तैयार करने वाली कमेटी ने कुल 72 बैठकें की थीं. ख़बरों के मुताबिक, UCC के ड्राफ़्ट में 400 से ज़्यादा धाराएं हैं.
- UCC BILL महिला अधिकारों पर केंद्रित है. इसमें बहु-विवाह पर रोक का प्रावधान है. लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाने का प्रावधान है.
- समान नागरिक संहिता बिल में लिव-इन रिलेशनशिप के लिये रजिस्ट्रेशन को ज़रूरी कर दिया गया है. कानूनी विशेषज्ञों का दावा है कि ऐसे रिश्तों के पंजीकरण से पुरुषों और महिलाओं दोनों को फायदा होगा.
- UCC BILL में लड़कियों को भी लड़कों के बराबर ही विरासत का अधिकार देने का प्रस्ताव है. अभी तक कई धर्मों के पर्सनल लॉ में लड़कों और लड़कियों समान विरासत का अधिकार नहीं है
- UCC BILL में उत्तराखंड की 4% जनजातियों को क़ानून से बाहर रखने का प्रावधान किया गया है. मसौदे में जनसंख्या नियंत्रण उपायों और अनुसूचित जनजातियों को शामिल नहीं किया गया है.
- UCC BILL में शादी का रजिस्ट्रेशन ज़रूरी करने का प्रस्ताव रखा गया है. साथ ही शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर सरकारी सुविधाएं नहीं देने का प्रस्ताव भी रखा गया है.
- UCC BILL के में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आसान करने का प्रस्ताव रखा गया है. मुस्लिम महिलाओं को भी बच्चा गोद लेने का अधिकार देने का प्रस्ताव बिल में है.
- मुस्लिम समुदाय के भीतर हलाला और इद्दत पर रोक लगाने का प्रस्ताव UCC BILL में रखा गया है. इस प्रथा का काफी विरोध होता रहा है.
- पति की मृत्यु पर पत्नी ने दोबारा शादी की, तो मुआवज़े में माता-पिता का भी हक़ होने का प्रस्ताव भी बिल में रखा गया है. पत्नी की मृत्यु होने पर उसके मां-बाप की ज़िम्मेदारी पति पर होगी. पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ, तो बच्चों की कस्टडी दादा-दादी को देने का प्रस्ताव भी UCC BILL में रखा गया है।
- लोगो का मानना है की UCC BILL के लागू होने से जनसंख्या वृद्धि रोकने में मदद मिलेगी।
- अगर पुरुष ने किसी महिला के साथ रेप किया हो, या विवाह में रहते हुए महिला किसी अन्य से गर्भवती हुई हो तो ऐसे में तलाक के लिए कोर्ट में याचिका लगाई जा सकेगी।
- अगर महिला या पुरुष में से कोई भी धर्मपरिवर्तन करता है तो इसे तलाक की अर्जी का आधार बनाया जा सकता है।
- UCC BILL के खिलाफ विवाह करने पर छह महीने की जेल और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा नियमों के खिलाफ तलाक लेने में तीन साल तक का कारावास का नियम है।
- पुरुष और महिला के बीच दूसरा विवाह तभी किया जा सकता है, जब दोनों के पार्टनर में से कोई भी जीवित न हो।
- किसी भी व्यक्ति को पुनर्विवाह करने का अधिकार तभी मिलेगा, जब कोर्ट ने तलाक पर निर्णय दे दिया हो और उस आदेश के खिलाफ अपील का कोई अधिकार नहीं रह गया हो।
- महिला या पुरुष में से अगर किसी ने शादी में रहते हुए किसी अन्य से शारीरिक संबंध बनाए हों तो इसको तलाक के लिए आधार बनाया जा सकता है।
कई लोगो का मानना है की UCC BILL से लोगो के धर्म की आज़ादी छीनी जा रही है, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कानून का विरोध किया है.
आपके जानकारी के लिए >>>>
UP Budget 2024: कैसा रहा उत्तर प्रदेश का बजट, जानिए एक क्लिक में
Rules of Arresting CM: कैसे किया जाता है किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार ?
Union Budget 2024: कैसे बनाया जाता है देश का बजट समझे आसान भाषा में
RodBez: बिहार के रिक्शे वाले ने खड़ी कर दी 4 करोड़ की कंपनी
Bhut sahi news bhaiyaa ji
Good day! Do you know if they make any plugins to assist with Search Engine
Optimization? I’m trying to get my blog to rank for
some targeted keywords but I’m not seeing very good gains.
If you know of any please share. Thanks!
I saw similar text here: Warm blankets