Chhath Puja आप सभी जानते होंगे जो पुरे उत्तर भारत में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है, खासकर बिहार झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। छठी मैया और सूर्यदेव की उपासना का यह महापर्व बिहार और उत्तर भारत में दिवाली से भी बड़ा मन जाता है, इस त्यौहार का पुरे बिहार उत्तराखंड और उत्तर भारत के लोगो का बेशब्री से इंतजार रहता है। कभी आपने सोचा की यह महापर्व की शुरआत कहा से हुयी और क्यों मनाया जाता है ? आइये आपको इस आर्टिकल के जरिये बताते है।
Highlights
क्या है Chhath Puja का इतिहास
छठ पूजा का इतिहास प्राचीन कल से जुड़ा है, इस महा पर्व का उल्लेख पौराणिक कथाओ और धार्मिक ग्रंथो में मिलता है।
छठ पूजा का रामायण से सम्बन्ध
कहा जाता है की जब भगवान् श्री राम और माता सीता वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, तब भगवान् श्री राम अपने राजतिलक के समय सूर्यदेव की पूजा की थी, और माता सीता ने कार्तिक शुक्ल षष्टी को सूर्य देव को अर्घ दिया था, जिसके बाद से ही छठ पूजा मनाया जाने लगा।
महा भारत से छठ पूजा के सम्बन्ध
महा भारत के एक कथा के अनुसार, जब कर्ण सूर्य पुत्र थे और वह रोज सूर्य देव की उपासना करते थे, वे गंगा नदी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते थे, कहा जाता है की कर्ण की इसी परम्परा को आज छठ पूजा के रूप में मनाया जाने लगा है।
कलयुग छठ पूजा
कलयुग को लेकर एक कहानी बहुत प्रचलित है, कहा जाता है की बिहार के पुराने जिले देव में छठ पर्व किया गया था, देव जिला अब औरंगाबाद में स्तिथ है। कहा जाता है की एक व्यक्ति को कुष्ठ रोग हो गया था, इसके निवारण के लिए उसने कार्तिक महीने की षष्टी तिथि को भगवन सूर्य की उपासना की थी, जिससे वह जल्द ही ठीक हो गया था, और उसी समय से यह पर्व आस्था के साथ मान्य जाने लगा
छठ पूजा 2024 कब है ? (Chhath Puja Kab Hai )
छठ महा पर्व चार दिन का होता है, यह चारो दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होते है
- पहला दिन नहाय खाय का होता है।
- छठ के दूसरे दिन खरना का होता है।
- छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य होता है।
- छठ के चौथे यानी अंतिम दिन सुभह का अर्घ्य होता है।
1. नहाय खाय में क्या होता है ? ( kab hai Nayah khaya 2024?)
नहाय खाय वाले दिन छठ का व्रत रखने वाली महिलाये नहा धोकर भगवन की पूजा करती है, जिसके बाद ही लहसुन और प्याज कको खाने के लिए पकाया जाता है। विशेष कर नहाय खाय वाले दिन घीया और चने की का भोजन मनाया जाता है।
2 खरना वाले दिन क्या होता है? (kab hai kharna wala din 2024)
यह छठ के दूसरे दिन होता है, खरना वाले दिन व्रत रखने वाली महिलाये निर्जला उपवास रखती है। और शाम के समय मिटटी के चूल्हे पर गुड़ की खीर को पकाया जाता है और रोटी में भगवन को अर्पित किया जाता है, जिसके बाद फिर लोगो में बटा जाता है। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।
3 संध्या अर्घ्य क्या होता है? (ab hai sandhya arghya 2024)
संध्या अर्घ्य छठ पूजा का तीसरा दिन होता है, यह बेहद अहम् दिन भी होता है, इस दिन छठ व्रत राखी हुयी महिलाये किस भी जगह पानी में कड़ी होकर डूबता सूरज को अर्घ्य देती है।
4 छठ पूजा का चौथा यानि अंतिम दिन जिसे उषा अर्घ्य या पारण कहते है
यह छठ पूजा का अंतिम दिन होता है, इस दिन महिलाये उगते सूर्य को अर्घ्य देती है, जिसके बाद ही महिलाये व्रत का पारण करती है। इस दिन छठ का विशेष प्रसाद जिसे ठेकुआ भी कहा जाता है लोगो में बनता जाता है।
Chhath Puja Pujan Samagri (छठ पूजा सामग्री लिस्ट)
- बांस की टोकरी
- नारियल
- बांस का सूप
- दूध
- धूप
- दीप
- कुमकुम
- चंदन
- अगरबत्ती
- नींबू
- शरीफा
- केला
- नाशपाती
- शकरकंदी
- सुथनी
- मिठाई
- गुड़
- पान के पत्ते
- पीला सिंदूर
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