Kolkata Cyclone Fengal: मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि फेंगल चक्रवात बुधवार को एक गंभीर चक्रवात में तब्दील हो जाएगा। यह तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों से टकराएगा, जिससे वहां तेज़ हवाएं, भारी बारिश और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शनिवार (30 नवंबर 2024) को यह चक्रवात पुडुचेरी के पास तट से टकराया, जिससे उत्तरी तमिलनाडु के कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
Kolkata Cyclone Fengal: तमिलनाडु में भारी बारिश और नुकसान
फेंगल चक्रवात के कारण चेन्नई में 90 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलीं और लगातार भारी बारिश हुई। इस वजह से चेन्नई एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। 226 उड़ानें रद्द हुईं और 20 से अधिक उड़ानों को अन्य हवाई अड्डों पर मोड़ा गया। इसके अलावा, रेलवे ट्रैक पर पानी भरने के कारण चेन्नई और आसपास के इलाकों में ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं। सड़कों पर पानी भरने से 53 से अधिक मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गए। आपातकालीन सेवाओं के लिए चेन्नई मेट्रो रेल ने सामान्य रूप से काम किया, लेकिन उपनगरीय ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं।
Kolkata Cyclone Fengal: बंगाल में संभावित प्रभाव
हालांकि, बंगाल में फेंगल चक्रवात का प्रभाव तमिलनाडु जितना गंभीर नहीं होगा, लेकिन तटीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अलीपुर मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार और रविवार को मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, और दक्षिण 24 परगना में हल्की बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, इस चक्रवात का अप्रत्यक्ष प्रभाव सर्दी के बढ़ने के रूप में देखने को मिलेगा। कोलकाता में बुधवार को न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.3 डिग्री कम है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिसंबर की शुरुआत से ठंड और बढ़ सकती है।
उत्तर और पश्चिम बंगाल का हाल
दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, और उत्तर दिनाजपुर में हल्के कोहरे की संभावना है, लेकिन घने कोहरे का कोई खतरा नहीं है। दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा जाएगा। हालांकि, पश्चिम बर्दवान, पुरुलिया, और बीरभूम जैसे जिलों में सुबह के समय हल्का कोहरा छा सकता है।
चक्रवात के नामकरण की प्रक्रिया और महत्व
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और यूनाइटेड नेशंस के तत्वावधान में छह क्षेत्रीय विशेषीकृत मौसम केंद्र (RSMCs) चक्रवातों का नामकरण करते हैं। फेंगल नाम सऊदी अरब द्वारा दिया गया है। यह नाम अरबी भाषा से लिया गया है और इसका अर्थ क्षेत्रीय परंपरा और पहचान को दर्शाता है। नामकरण की प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि हर चक्रवात का एक विशिष्ट और सरल नाम हो, जिससे किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न बने। फेंगल के बाद, अगला चक्रवात शक्ति होगा, जिसे श्रीलंका ने नामित किया है।
फेंगल चक्रवात का प्रभाव
इस चक्रवात के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, तमिलनाडु और बंगाल दोनों ही राज्यों में मौसम विभाग ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है। फेंगल चक्रवात ने तमिलनाडु के तटीय इलाकों में जनजीवन को प्रभावित किया है। वहीं, बंगाल में हल्की बारिश और ठंड के बढ़ने की संभावना है। हालांकि, इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सतर्कता और सही जानकारी सबसे महत्वपूर्ण है। यह स्पष्ट है कि सही तैयारी से इस चक्रवात के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
इससे बचाव के तरीके
- तटीय इलाकों में रहने वाले लोग आवश्यकतानुसार राहत केंद्रों में जाएं।
- चक्रवात की ताजा जानकारी के लिए IMD की आधिकारिक वेबसाइट देखें।
- बचाव और आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी हेल्पलाइन नंबरों का ध्यान रखें।
इस प्रकार, फेंगल चक्रवात ने न केवल मौसमी परिवर्तन लाया है, बल्कि यह हमारे लिए चेतावनी भी है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।
यह भी पढ़े:-
क्या है अजमेर शरीफ दरगाह का इतिहास, क्या यह शिव मंदिर की जमीन पर बनी है?