Home » क्या है Bharat Cleantech Manufacturing Platform? आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल
Bharat Cleantech Manufacturing Platform

Bharat Cleantech Manufacturing Platform

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने Bharat Cleantech Manufacturing Platform को नई दिल्ली में आयोजित भारत क्लाइमेट फोरम 2025 के दौरान लॉन्च किया। इसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और पर्यावरण संरक्षण में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।

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क्या है Bharat Cleantech Manufacturing Platform?

यह एक ऐसा मंच है, जिसका लक्ष्य भारत के सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हाइड्रोजन और बैटरी भंडारण जैसे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों को मजबूत बनाना है। यह प्लेटफॉर्म भारतीय कंपनियों को साथ मिलकर काम करने, नई तकनीकों को अपनाने और वित्तीय सहयोग प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

मुख्य उद्देश्य

  1. स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन बढ़ाना: भारत को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना।
  2. साझा विचार और नवाचार: कंपनियों के बीच सहयोग और नई तकनीकों का आदान-प्रदान बढ़ाना।
  3. आत्मनिर्भर भारत: स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को सरकारी सहायता से मुक्त और आत्मनिर्भर बनाना।

2030 तक 500 गीगावॉट का लक्ष्य

श्री गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 500 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने बताया कि:

  • भारत ने 2022 में तय किए गए 200 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य को 8 साल पहले ही हासिल कर लिया।
  • भारत अब 2030 तक 500 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

गुजरात: सौर ऊर्जा में अग्रणी

श्री गोयल ने गुजरात का उदाहरण दिया, जिसने सबसे पहले सौर ऊर्जा को अपनाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पारदर्शी नीतियों और ईमानदार नीलामी प्रक्रिया ने सौर ऊर्जा को सस्ती और सुलभ बनाया।

3S रणनीति: गति, विस्तार और कौशल

मंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा में भारत की सफलता का श्रेय 3S मॉडल को दिया:

  • गति (Speed): परियोजनाओं को तेजी से पूरा करना।
  • विस्तार (Scale): स्वच्छ ऊर्जा के कामों का बड़े स्तर पर विस्तार।
  • कौशल (Skill): गुणवत्ता और दक्षता के साथ कार्य करना।

Bharat Cleantech Manufacturing Platform देश को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। यह न केवल भारत की पर्यावरण सुरक्षा की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को एक अग्रणी देश बनाएगा।

इस पहल से न केवल स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि यह भारत को एक हरित और स्वच्छ भविष्य के निर्माण में भी मदद करेगा।

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