
Mayank Yadav: भारतीय क्रिकेट में तेज गेंदबाजों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मयंक यादव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार शुरुआत की है। ग्वालियर में खेले गए पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में मयंक ने बांग्लादेश के खिलाफ अपनी रफ्तार और सटीकता से सभी को प्रभावित किया। 147.6 किमी/घंटा की गति से गेंदबाजी करते हुए मयंक ने अपने पहले ही ओवर में मेडन फेंका, जिससे बांग्लादेशी बल्लेबाजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस मैच के बाद मयंक ने खुलासा किया कि हेड कोच गौतम गंभीर ने उन्हें किस तरह की सलाह दी थी, जिसने उन्हें इस बड़े मंच पर शांत और संयमित रहने में मदद की।

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Mayank Yadav: चोट के बाद वापसी और डेब्यू मैच का दबाव
मयंक यादव के लिए यह मैच बेहद खास था, क्योंकि यह उनके चोट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी का मौका था। चोट के कारण लंबे समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहने के बाद सीधे डेब्यू करना आसान नहीं होता। मयंक ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “चोट से उबरना और फिर टीम में वापस आना बहुत कठिन था। चार महीने तक मैंने सिर्फ रिहैबिलिटेशन पर ध्यान दिया, जहां मैंने मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को तैयार किया।” इस दौरान मयंक की मदद बीसीसीआई की सपोर्ट टीम ने की, जिन्होंने एनसीए (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) में उन्हें फिर से फिट होने में पूरी सहायता की।
Mayank Yadav: गौतम गंभीर की सलाह ने दिलाई सफलता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार खेलने वाले हर खिलाड़ी के लिए दबाव का सामना करना चुनौतीपूर्ण होता है। इस दबाव को कम करने के लिए हेड कोच गौतम गंभीर ने मयंक को यह सलाह दी, “भूल जाओ कि यह एक अंतरराष्ट्रीय मैच है। बस वही करो जो तुम्हें पहले सफल बनाता आया है, और बुनियादी बातों पर टिके रहो।” इस सलाह का मयंक पर गहरा प्रभाव पड़ा, जिससे वह अपने पहले मैच में संयमित रहे और गेंदबाजी में पूरा ध्यान दिया। मयंक ने कहा, “मैंने सिर्फ सही लाइन और लेंथ पर गेंद डालने की कोशिश की और रन रोकने पर फोकस किया।”
Mayank Yadav: तेज रफ्तार के साथ सटीकता का संगम
मयंक ने अपने पहले ही ओवर में दो बार 145 किमी/घंटा की रफ्तार को पार किया, लेकिन उनकी असली ताकत उनकी सटीकता थी। उन्होंने कहा, “इस मैच में मेरी प्राथमिकता गति नहीं थी, बल्कि मैंने सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करने पर ध्यान दिया।” यह साबित करता है कि मयंक केवल तेज गेंदबाजी करने वाले बॉलर नहीं हैं, बल्कि एक समझदार गेंदबाज हैं, जो परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल सकते हैं। पिच पर ज्यादा उछाल नहीं होने के कारण मयंक ने अपनी गति में भी बदलाव किया, जो कि एक परिपक्व गेंदबाज के गुण हैं।
Mayank Yadav: बांग्लादेश की पावरप्ले में कमजोर शुरुआत
बांग्लादेश की टीम टी20 में लंबे समय से पावरप्ले में संघर्ष कर रही है, और इस मैच में भी उनका यही हाल रहा। पहले छह ओवरों में टीम केवल 39 रन ही बना सकी, जिससे उनका कुल स्कोर 127 रनों तक सीमित रह गया। वहीं, भारत ने पावरप्ले में 71 रन बनाए और केवल 11.5 ओवर में ही मैच जीत लिया। बांग्लादेशी कप्तान नजमुल हुसैन शांतो ने स्वीकार किया कि पावरप्ले में खराब शुरुआत उनकी टीम की सबसे बड़ी कमजोरी है। उन्होंने कहा, “हम पावरप्ले में रन बनाने और विकेट बचाने में नाकाम रहे। इसके बाद मध्य क्रम पर दबाव बढ़ गया, जिससे हमारी योजना ध्वस्त हो गई।”
Mayank Yadav: भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव का रणनीतिक फैसला
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इस मैच में दो नए खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका दिया – मयंक यादव और ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी। सूर्यकुमार ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया, जो कि टीम के लिए फायदेमंद साबित हुआ। अर्शदीप सिंह ने बांग्लादेश के शुरुआती बल्लेबाजों को जल्दी आउट कर उनकी पारी को शुरू से ही लड़खड़ा दिया। इसके बाद, पावरप्ले के आखिरी ओवर में मयंक को गेंदबाजी का मौका मिला। उन्होंने अपने पहले ही ओवर में बिना कोई रन दिए, बांग्लादेशी बल्लेबाजों पर दबाव बना दिया। बांग्लादेश की टी20 में संघर्ष जारी है, बांग्लादेश की टीम टी20 प्रारूप में पिछले कुछ समय से संघर्ष कर रही है। टीम की ओपनिंग साझेदारी ने पिछले आठ पारियों में केवल 69 रन जोड़े हैं, जिसमें सबसे बड़ी साझेदारी 35 रनों की रही।
कप्तान नजमुल हुसैन शांतो ने कहा, “हमें पावरप्ले में विकेट बचाने और रन बनाने की आवश्यकता है। अगर हम ऐसा नहीं कर पाए, तो मिडिल ऑर्डर पर बहुत दबाव आ जाता है, जिससे हमारी पूरी रणनीति बिगड़ जाती है।” उन्होंने यह भी माना कि टीम को अपने स्किल सेट और मानसिकता में सुधार की जरूरत है।
Mayank Yadav: सोशल मीडिया पर मयंक की तारीफ
मैच के बाद भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ट्वीट किया, “मयंक मेडन यादव।” यह ट्वीट इस बात का प्रमाण था कि मयंक ने अपने पहले ही मैच में सबका ध्यान खींच लिया है। उनके इस शानदार प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें काफी प्रशंसा मिल रही है। मयंक यादव के उज्ज्वल भविष्य होने की उम्मीद और ज्यादा ही बढ़ गयी है, इस मैच में मयंक यादव का यह डेब्यू मैच उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करता है। उनकी गति, सटीकता और मानसिक दृढ़ता उन्हें आने वाले समय में भारतीय टीम का प्रमुख तेज गेंदबाज बना सकती है। अगर मयंक इसी तरह अपने खेल में सुधार करते रहे, तो वह निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा नाम बन सकते हैं।
गौतम गंभीर की सलाह और मयंक की मेहनत ने इस मैच को उनके करियर का शानदार आरंभ बना दिया। अब देखना यह है कि वह आने वाले मुकाबलों में अपने इस प्रदर्शन को किस तरह बरकरार रखते हैं।
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