International Migrants Day: 18 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो अपने देश से बाहर काम करने या बेहतर जीवन के लिए जाते हैं। इस दिन का उद्देश्य प्रवासियों के योगदान को मान्यता देना और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करना है।
International Migrants Day: जाने इसका इतिहास
यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2000 में मनाने की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य दुनिया भर के प्रवासियों के अधिकारों को पहचानना और उनके लिए बेहतर परिस्थितियाँ बनाना था। 1990 में, संयुक्त राष्ट्र ने एक सम्मेलन के दौरान प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के अधिकारों पर ध्यान दिया और इस दिन को मनाने का निर्णय लिया।
International Migrants Day: प्रवासियों की संख्या और उनकी समस्याएँ
आजकल दुनिया भर में लाखों प्रवासी काम करने या बेहतर जीवन के लिए दूसरे देशों में जाते हैं। 2019 में 270 मिलियन से ज्यादा लोग प्रवासी थे। हालांकि, प्रवासी जीवन में कई समस्याएँ आती हैं, जैसे शोषण, खराब कामकाजी हालत, और भेदभाव। यह दिन इन समस्याओं पर भी ध्यान देने का एक अवसर है। इस दिन का महत्व है कि हम प्रवासियों के सामाजिक और आर्थिक योगदान को पहचानें। साथ ही, यह दिवस प्रवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता है और उनके साथ भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाता है। इस दिन हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रवासियों को भी अपने मूल अधिकार मिलें, और उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले।
International Migrants Day: 2023 का थीम
2023 का थीम था “सुरक्षित प्रवास को बढ़ावा देना”, जिसका मतलब है कि प्रवासी अपने अधिकारों को जानें और उनका उल्लंघन न हो। इसके साथ-साथ यह प्रवासियों के शोषण और भेदभाव को खत्म करने का संदेश देता है। प्रवासी न सिर्फ अपने देश में, बल्कि जिस देश में वे काम करते हैं, वहां भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वे आर्थिक विकास, श्रम बाज़ार, और स्वास्थ्य सेवाओं में मदद करते हैं। उनके बिना कई देशों की अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र की पहल
संयुक्त राष्ट्र प्रवासियों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम कर रहा है। इसके लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, जैसे प्रवासियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंध और उनके अधिकारों की रक्षा। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि प्रवासी सिर्फ मजदूरी करने वाले नहीं होते, बल्कि समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सदस्य होते हैं। हमें इस दिन को मनाकर उनके अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि वे भी एक बेहतर और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
यह भी पढ़े:-
Sambhal Jama Masjid: इतिहास, विवाद और भविष्य की कहानी