Aman Sherawat: ये वो नाम है जिसको शायद ही कुछ लोग जानते होंगे, हरियाणा के इस ज़बाज खिलाड़ी ने अपने बचपन में माँ बाप के खोने के बाद से किस प्रकार कि परेशानियाँ का सामना किया है, शायद ही किसी को पता होगा, अमन शेरावात आज ओलिंपिक 2024 में ये वो नाम है जिसे अब अपनी पहचान बताने कि जरुरत भी नहीं है।
Highlights
Aman Sherawat: 11 साल कि उम्र में खो दिया था माँ बाप का साया
Aman Sherawat कि जिंदगी किसी मिशाल से काम नहीं है, ये जब 11 साल के थे तभी इन्होने अपने माता पिता को खो दिया था, अपनी परेशानियों को कभी भी अपने सपने के बिच में नहीं आने दिया।अमन शेरावात कि जिंदगी में कठिनाइयों और संघर्ष के साथ भरी हुई थी, पर इन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज ये ओलिंपिक 2024 में भारत के लिए एक मात्र रेसलिंग के खिलाड़ी है।
Aman Sherawat: उम्मीदों पर खरा उतरे है।
Aman Sherawat ने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया. और तो और अंडर-23 विश्व चैम्पियन और सीनियर एशियाई चैम्पियनशिप विजेता अमन से 57 किग्रा में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद थी और इस 20 साल के पहलवान ने भी कभी निराश नहीं किया।
Balraj Panwar: जाने भारतीय सेना से पेरिस ओलिंपिक तक का सफर
Aman Sherawat: कैसे शुरू हुआ सफर
Aman Sherawat जनवरी 2024 में, उन्होंने ज़ाग्रेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में पुरुषों की 57 किग्रा स्पर्धा में चीन के ज़ू वानहाओ को फ़ाइनल में 10-0 बड़िया तरीके से स्कोर करके हराकर स्वर्ण पदक जीता।
उन्होंने पेरिस, फ्रांस में 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए अर्हता प्राप्त करने की उम्मीद में बिश्केक, किर्गिस्तान में 2024 एशियाई कुश्ती ओलंपिक योग्यता टूर्नामेंट में भाग लिया। वह भारत से 2024 Peris ओलंपिक के लिए मौका प्राप्त करने वाले एकमात्र पुरुष पहलवान हैं।
Aman Sherawat: भारत की शान है
Aman Sherawat भले ही वो एक रेसलिंग करते हो लेकिन अब ओलिंपिक 2024 में भारतीय दर्शकों की आस उनसे टिकी हुई है, क्योंकि जिस प्रकार के उनके रेसलिंग में रिकॉर्ड है उससे साफ ये पता चलता है की इस हरियाणा के छोरे ने देश के लिए मैडल को जितने के लिए कुछ कर सकता है।
Manu Bhaker: कौन हैं ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मनु भाकर?
Aman Sherawat: ओलिंपिक में मैडल जीतकर अपने माता पिता को देना चाहते है श्रद्धांजलि
Aman Sherawat देश का वो खिलाड़ी है जिसने अपने हालातों को अपना गुलाम बनाया है, चाहे कितनी भी परेशानी क्यों ना हो इन्होंने उसको ठीक से निपटा दिया है. हालांकि इनके ताऊ जी कहते है की अमन का वो सपना है ओलिंपिक में गोल्ड मैडल जीतकर अपने माता पिता को समर्पित करेंगे, हालांकि ये काम उतना भी आसान नहीं है लेकिन असंभव भी नहीं है. देश के नौजवान खिलाड़ी ने रेसलिंग की दुनिया भारत का नाम रोशन किया और अब ये चाहते है की पेरिस ओलिंपिक 2024 में मैडल जीतकर देश का सर ओर ऊँचा कर करे।
Anush Agarwalla: कैसे बने घुड़सवारी के दीवाने
Top Olympic Athletes: जाने ओलिंपिक एथेलट्स के बारे में
Summer Olympic: जाने इतिहास और भारत की भागीदारी