ED: अभी 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने शराब पालिसी मामले में कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया है जिसको लेकर राजनितिक गलियारे में बस यही चर्चा चल रही है और खासकर ED के कार्यवही की। यह एजेंसी अक्सर कहीं ना कहीं रेड मारती रहती है और रेड से करोड़ों रुपये बरामद करते हुए भी देखा होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि ये ईडी है क्या, कब बना, इसकी ताकत क्या है ? चलिए आपको इससे जुडी पूरी जानकारी देते है।
ED या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट क्या है?
भारत को जब अंग्रेजों से आजादी मिली तब 1947 में फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (विदेशी मुद्रा नियमन कानून) बना था. इसे वित्त मंत्रालय का डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स देखता था. साल 1956 में प्रवर्तन इकाई बनी. इसी में इकनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट बना. साल 1957 में इसका नाम बदलकर डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट रखा गया इसे ही अब ईडी कहते हैं।
साल 1960 में ईडी को रेवेन्यू डिपार्टमेंट में शिफ्ट कर दिया गया और तब से यह उसी में काम कर रहा है. इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है, इसके अलावा पांच क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में है।
ED कैसे करती है रेड की प्लानिंग?
Prevention of Money Laundering Act यानि PMLA स्पेशल एक्ट है, जिसमें छापे की कार्रवाई करने से पहले ED को मजिस्ट्रेट या कोर्ट से वारंट लेने की ज़रूरत नहीं है. इस केस में ईडी के अफसर को वारंट जारी करने का हक हासिल है. लेकिन बग़ैर किसी बुनियाद के छापेमारी का ऑर्डर नहीं दिया जा सकता।
ठिकानों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाता है और एक टीम तैयार की जाती है। छापे की खबर लीक होने के डर से लोकल पुलिस की मदद जब तक ज़रूरी न हो तब नहीं ली जाती टीम इस पर पूरा काम करती है कि रेड के दौरान कोई आरोपी फरार न हो जाए इस लिए घर या आफिस सब जगह आने जाने वाले रास्तों पर ख़ास नज़र रखी जाती है।
ED: प्रवर्तन निदेशालय के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं
- ED: FEMA यानि Foreign Exchange Management Act के प्रावधानों के संदिग्ध उल्लंघन की जांच करता है. मूल्य को अधिक आंकना और आयात मूल्य को कम आंकना, हवाला लेनदेन, विदेशों में संपत्ति की खरीद, भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा का कब्जा ,विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार और विदेशी विनिमय नियमों का उल्लंघन और फेमा के तहत अन्य प्रकार उल्लंघन।
- प्रवर्तन निदेशालय (ED), फेमा, 1999 के उल्लंघन से संबंधित खुफिया जानकारी एकत्र करता है, विकसित करता है और सम्बंधित एजेंसियों के साथ उसे साझा करता है. ईडी को केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों, शिकायतों आदि से खुफिया जानकारी मिलती है।
- ईडी के पास FEMA के उल्लंघन के दोषी पाए गए दोषियों की संपत्ति कुर्की करने की शक्ति है. धन शोधन अधिनियम [धारा 2 (1) (डी)] के अध्याय III के तहत “संपत्ति की कुर्की” का अर्थ है; संपत्ति के जब्ती, संपत्ति का हस्तांतरण, रूपांतरण और बेचने पर रोक।
- धन शोधन अधिनियम के नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ; खोज, जब्ती, गिरफ्तारी, और अभियोजन की कार्रवाई आदि करना।
- मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत; अपराधी के हस्तांतरण के लिए राज्यों से कानूनी लेना और देना. इसके अलावा अपराधियों के हस्तांतरण से सम्बंधित कार्यवाही पूरी करना।
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA. धन सोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA). भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (FEOA). FEMA के तहत ईडी फॉरेन एक्सचेंज नियमों के उल्लंघन की जांच करता है।
- ईडी की गिरफ्तारी में जमानत मिलना मुश्किल होता है. पीएमएलए मामलों में ईडी तीन साल तक आरोपी की जमानत रोक सकती है.
Question- ED क्या फुल फॉर्म क्या है ?
Answer- Enforcement Directorate
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