Sultanpur Encounter Case: STF ने अनुज प्रताप सिंह को किया ढेर। सुल्तानपुर में हुई ज्वेलर्स की दुकान में डकैती के आरोपियों का पीछा करते हुए यूपी पुलिस की एसटीएफ टीम ने एक और एनकाउंटर में बदमाश अनुज प्रताप सिंह को मार गिराया है। इससे पहले इसी मामले में आरोपी मंगेश यादव का भी एनकाउंटर हुआ था।
Highlights
- Sultanpur Encounter Case: उन्नाव में STF और अनुज प्रताप सिंह की मुठभेड़
- Sultanpur Encounter Case: डकैती का मास्टरमाइंड और घटनाक्रम
- Sultanpur Encounter Case: मंगेश यादव का एनकाउंटर
- Sultanpur Encounter Case: अब तक की पुलिस कार्रवाई
- Sultanpur Encounter Case: अनुज प्रताप सिंह की क्राइम हिस्ट्री
- Sultanpur Encounter Case: मुख्य आरोपी विपिन सिंह का आत्मसमर्पण
- Sultanpur Encounter Case: सियासी विवाद और पुलिस की सफाई
- Sultanpur Encounter Case: एसटीएफ की रणनीति और भविष्य की कार्रवाई
Sultanpur Encounter Case: उन्नाव में STF और अनुज प्रताप सिंह की मुठभेड़
उन्नाव जिले के अचलगंज थाना इलाके में तड़के सुबह अनुज प्रताप सिंह और उसके एक साथी के साथ एसटीएफ की मुठभेड़ हुई। इस दौरान अनुज को गोली लगी और उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसका साथी मौके से फरार हो गया। अनुज प्रताप सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम था और वह लंबे समय से फरार चल रहा था।
Sultanpur Encounter Case: डकैती का मास्टरमाइंड और घटनाक्रम
28 अगस्त को सुल्तानपुर में एक ज्वेलर्स की दुकान में हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े डकैती की। अनुज प्रताप सिंह इस डकैती का मास्टरमाइंड था और सबसे पहले दुकान में घुसकर दुकानदार भरत सोनी और उनके बेटे को धमकाया। उसके बाद अन्य चार बदमाश अंदर घुसे और करीब 2 करोड़ रुपये के सोने-चांदी के आभूषण लूटे। अनुज प्रताप सिंह गैंग सरगना विपिन सिंह का करीबी था और पहले भी कई डकैतियों में शामिल रहा था, जिनमें गुजरात में हुई एक बड़ी डकैती भी शामिल है।
Sultanpur Encounter Case: मंगेश यादव का एनकाउंटर
डकैती मामले में इससे पहले 5 सितंबर को आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर सुल्तानपुर के देहात कोतवाली क्षेत्र में हुआ था। पुलिस के अनुसार, मंगेश ने पहली गोली चलाई थी, जिसके जवाब में पुलिस ने एनकाउंटर किया। हालांकि, इस एनकाउंटर पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए थे। उन्होंने इसे हत्या करार देते हुए कहा था कि एनकाउंटर की योजना पुलिस ने पहले ही बना ली थी और यह सिर्फ डराने की रणनीति का हिस्सा था।
Sultanpur Encounter Case: अब तक की पुलिस कार्रवाई
इस डकैती कांड में शामिल 14 बदमाशों की पहचान की गई थी, जिनमें से अब तक नौ को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो आरोपियों, मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह, को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है, जबकि चार आरोपी अभी भी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में अरविंद यादव, दुर्गेश सिंह, विवेक सिंह, अजय यादव और विपिन सिंह शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से लूटा गया करीब 2 किलो 700 ग्राम सोने के आभूषण भी बरामद किए हैं। इसके अलावा, डकैती के दौरान इस्तेमाल की गई बोलेरो गाड़ी भी बरामद कर ली गई है।
Sultanpur Encounter Case: अनुज प्रताप सिंह की क्राइम हिस्ट्री
अनुज प्रताप सिंह का आपराधिक इतिहास काफी पुराना है। उसके खिलाफ अमेठी और सुल्तानपुर में कई आपराधिक मामले दर्ज थे। उसने कई डकैतियों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस केस में उसका नाम सामने आने के बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
Sultanpur Encounter Case: मुख्य आरोपी विपिन सिंह का आत्मसमर्पण
डकैती कांड के मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। वह इस गैंग का सरगना था और पुलिस को उसकी तलाश थी। विपिन सिंह ने भी पहले कई डकैतियों में हिस्सा लिया था और वह अनुज प्रताप सिंह का करीबी साथी था। और एसटीएफ ने अब फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। इनमें अरबाज, फुरकान, और अंकित यादव प्रमुख हैं, जिन पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा या मुठभेड़ के दौरान सामना होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
Sultanpur Encounter Case: सियासी विवाद और पुलिस की सफाई
सुल्तानपुर डकैती कांड के बाद हुए एनकाउंटर पर राजनीतिक विवाद भी गहराया है। समाजवादी पार्टी ने इस पूरे मामले को लेकर पुलिस की मुठभेड़ों पर सवाल उठाए हैं, जबकि पुलिस ने हर बार यह स्पष्ट किया है कि मुठभेड़ में जवाबी कार्रवाई की गई है। पुलिस के अनुसार, सभी कार्रवाई कानूनी दायरे में रहकर की जा रही है, और किसी भी आरोपी को बेवजह निशाना नहीं बनाया जा रहा है।
Sultanpur Encounter Case: एसटीएफ की रणनीति और भविष्य की कार्रवाई
सुल्तानपुर डकैती कांड ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और लगातार एनकाउंटर से स्थिति पर कुछ हद तक काबू पाया गया है, लेकिन अभी भी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है। पुलिस की मुस्तैदी और एसटीएफ की सटीक रणनीति ने कई बड़े अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, जबकि कुछ की जान मुठभेड़ में चली गई। अब देखना यह है कि शेष फरार आरोपियों को कब तक पकड़ा जाता है और कानून के दायरे में लाया जाता है।
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