Ramayana: भारतीय टेलीविजन पर कई दशकों से घर-घर में प्रसारित होने वाली प्रतिष्ठित एनीमेशन फिल्म “रामायण: द लिजेंड ऑफ प्रिंस राम” आखिरकार 31 साल बाद भारतीय सिनेमा के बड़े पर्दे पर वापसी कर रही है।
Highlights
Ramayana: अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध है
1993 में रिलीज़ हुई इस एनीमेशन फिल्म ने अपने समय में अपार लोकप्रियता हासिल की थी, लेकिन इसे भारतीय सिनेमा में कभी रिलीज़ नहीं किया गया था। अब, यह फिल्म 4K फॉर्मेट में 18 अक्टूबर 2024 को हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और तेलुगू भाषाओं में रिलीज़ की जाएगी। यह Indo-Japanese एनीमेशन प्रोडक्शन Geek Pictures India, AA Films, और Excel Entertainment के सहयोग से भारतीय सिनेमा में प्रदर्शित किया जा रहा है।
Ramayana: फिल्म का इतिहास और कहानी
“रामायण: द लिजेंड ऑफ प्रिंस राम” का निर्माण जापान और भारत के सांस्कृतिक सहयोग का परिणाम है। 1993 में रिलीज़ हुई इस फिल्म को युगो साको, राम मोहन, और कोइची सासाकी द्वारा निर्देशित किया गया था। फिल्म की कहानी भारतीय महाकाव्य रामायण पर आधारित है, जो भगवान राम के जीवन और उनके संघर्षों को चित्रित करती है।
रामायण की कथा राम, लक्ष्मण और सीता के वनवास के इर्द-गिर्द घूमती है।
जब रावण, जो लंका का राजा और शक्तिशाली असुर है, सीता का अपहरण करता है, तो राम और लक्ष्मण हनुमान और वानर सेना की मदद से लंका पर आक्रमण करते हैं। इस महाकाव्य संघर्ष के बाद, राम रावण का वध कर सीता को वापस लाते हैं। यह एनीमेशन फिल्म रामायण के सभी प्रमुख तत्वों को बड़े ही खूबसूरती से दर्शाती है। फिल्म में राम का आदर्श पुत्र और राजा के रूप में चित्रण, लक्ष्मण की भाईचारे की भावना, हनुमान की निस्वार्थ भक्ति और सीता के प्रति राम के समर्पण को बेहद जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया है।
Ramayana: फिल्म की विशेषताएँ
क्रॉस-सांस्कृतिक सहयोग “रामायण: द लिजेंड ऑफ प्रिंस राम” भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक और कलात्मक सहयोग का एक शानदार उदाहरण है। जापान के एनीमेशन तकनीक और भारत की पौराणिक कथा के समागम से यह फिल्म बनी है, जिसने रामायण की महाकाव्य कथा को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया। यह फिल्म न केवल भारतीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कृति साबित हुई है।
2. फीचर्ड वॉइस
इस फ़िल्म के अंग्रेजी संस्करण में प्रसिद्ध हॉलीवुड कलाकार ब्रायन क्रैंस्टन और जेम्स अर्ल जोन्स ने अपनी आवाज़ दी है, जबकि हिंदी संस्करण में भगवान राम की आवाज़ अरुण गोविल ने दी है, जो रामायण के टीवी संस्करण में भी राम की भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा, रावण के किरदार के लिए प्रसिद्ध अभिनेता अमरीश पुरी ने आवाज़ दी थी, जिसने फिल्म को और भी प्रभावशाली बना दिया।
3. विवाद और स्वीकृति
हालांकि फिल्म ने भारत में रिलीज़ के समय कुछ धार्मिक विवादों का सामना किया था, लेकिन समय के साथ इसे एक महत्वपूर्ण एनीमेटेड इंटरप्रेटेशन के रूप में स्वीकार किया गया। फिल्म ने रामायण की कथा को नए अंदाज में पेश किया, जिससे इसे बच्चों और युवा दर्शकों के बीच भी लोकप्रियता मिली।
Ramayana: फिल्म का सांस्कृतिक महत्व
“रामायण: द लिजेंड ऑफ प्रिंस राम” ने भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक पुल का निर्माण किया। यह फिल्म उस समय की है जब एनीमेशन तकनीक ने भारतीय फिल्म उद्योग में विशेष स्थान बनाना शुरू किया था। जापानी एनीमेशन की शैली और भारतीय कथा के मिश्रण ने इसे एक अद्वितीय और ऐतिहासिक फिल्म बना दिया।
यह फिल्म केवल एक एनीमेशन नहीं है, बल्कि यह भारतीय पौराणिक कथाओं की समृद्धि और भारतीय संस्कृति की सुंदरता का प्रतीक है। रामायण की कथा भारतीय समाज के मूल्यों और आदर्शों को प्रस्तुत करती है, जो सत्य, धर्म, और न्याय की महत्ता को उजागर करती है। इस फिल्म ने उस युग के दर्शकों को रामायण के महाकाव्य से परिचित कराया और अब यह नए दर्शकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
Ramayana: फिल्म की पुन: रिलीज़
31 साल बाद, “रामायण: द लिजेंड ऑफ प्रिंस राम” को भारतीय सिनेमा के बड़े पर्दे पर दिखाए जाने की घोषणा ने कई प्रशंसकों में उत्साह पैदा किया है। यह फिल्म 4K फॉर्मेट में रिलीज़ की जाएगी, जो दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली दृश्यता और ध्वनि का अनुभव प्रदान करेगी। फिल्म का प्रीमियर पहले 24वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में हुआ था, और अब यह दुषहरा और दिवाली के त्योहारों के मौसम में भारतीय सिनेमा में रिलीज़ हो रही है।
अत: पुन: रिलीज़ सिर्फ पुराने दर्शकों के लिए यादें ताजा करने का एक मौका नहीं है, बल्कि यह नए दर्शकों को भी रामायण की महाकाव्य कथा से जोड़ने का एक अवसर है।
Ramayana: क्या है इसका महत्व
“रामायण: द लिजेंड ऑफ प्रिंस राम” की यह थिएटर रिलीज़ भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए एक अद्भुत अनुभव साबित होगी। इसलिये यह फिल्म रामायण की महाकाव्य कथा को नए अंदाज में प्रस्तुत करती है, जिससे पुरानी पीढ़ियों की यादें ताजा होंगी और नई पीढ़ियों को भारतीय पौराणिक कथाओं का परिचय मिलेगा। यह फिल्म न केवल भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि भारत और जापान के सांस्कृतिक सहयोग की भी प्रतीक है, जिसे आने वाली पीढ़ियों तक संजोया जाएगा।
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