Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को पहला पदक मिल गया है और ये दिलाया है युवा निशानेबाज मनु भाकर ने। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल में तीसरे स्थान पर रहकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है। उन्होंने फाइनल राउंड में 221.7 का स्कोर किया और पदक जीत लिया। वह ओलंपिक के इतिहास में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई हैं।
Manu Bhaker: भारतीय शूटिंग कोच सुमा शिरूर का बयान
इंडिया टीवी को दिए अपने बयान में भारतीय शूटिंग कोच सुमा शिरूर ने कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि महिलाएं शूटिंग में आ चुकी हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा, “पूरी टीम अच्छी करती है, तो यह दर्शाता है कि हम सही ट्रैक पर हैं। Manu Bhaker के अलावा दूसरे प्लेयर्स भी मेडल जीत सकते हैं। जो हमने तैयारी की और हमने बारिकियों से काम किया है, टेक्निकल तौर पर सबने अच्छा काम किया है। मुझे तैयारी पर भरोसा था। जब तैयारी बढ़िया है, तो प्रदर्शन होना ही था।
Manu Bhaker की जीत पर सुमा शिरूर की प्रतिक्रिया
सुमा शिरूर ने कहा कि Manu Bhaker अब अनुभवी हो गई हैं और टोक्यो ओलंपिक के बाद से लगातार इवोल्व हुई हैं। वह एक स्टेप आगे हैं और उनकी ओवरऑल इम्प्रूवमेंट हुई है। शिरूर ने कहा, “फाइनल हमेशा से ही मुश्किल रहे हैं। आप एक डेसीमल से बाहर हो जाते हैं और एक डेसीमल से गोल्ड जीतते हैं। लेकिन मनु ने दबाव में खुद को बिखरने नहीं दिया और देश का भार उठाया।”
Manu Bhaker: तैयारी और प्रदर्शन की प्रशंसा
कोच ने कहा कि मनु की जीत ने खेल का नजरिया बदल दिया है। उन्होंने बताया कि जब उनसे ओलंपिक के लिए भाकर और बाकी दल की तैयारी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बाहरी आवाजों को रोकने और प्रक्रिया पर भरोसा करने के महत्व पर जोर दिया। शिरूर ने कहा, “हम केवल प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते हैं। अगर सुधार से पदक मिलते हैं, तो हम खुश हैं।”
Manu Bhaker का सफर
22 वर्षीय मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में देश को पहला पदक दिलाया और ओलंपिक में निशानेबाजी में किसी भारतीय महिला द्वारा पहला पदक जीता। मनु भाकर ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पांचवीं भारतीय निशानेबाज बन गई हैं। उनसे पहले राज्यवर्धन सिंह राठौर (2004 एथेंस), अभिनव बिंद्रा (2008 बीजिंग), विजय कुमार (2012 लंदन) और गगन नारंग (2012 लंदन) ने पदक जीता था।
क्वालीफिकेशन राउंड की मुख्य बातें
Manu Bhaker ने क्वालिफिकेशन राउंड में 580 के स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया और सबसे ज्यादा परफेक्ट स्कोर (27) बनाए। वह पिछले 20 वर्षों में किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं। वह किसी भी ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल महिला वर्ग के फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला भी बनीं।
सरकारी सहायता और वित्तीय समर्थन
Manu Bhaker की तैयारी के लिए सरकार द्वारा प्रमुख हस्तक्षेप और वित्तीय सहायता प्रदान की गई। इसमें ओलंपिक की तैयारी के लिए लक्ज़मबर्ग में निजी कोच श्री जसपाल राणा के साथ प्रशिक्षण के लिए सहायता और टीओपीएस के अंतर्गत वित्तीय सहायता शामिल है।
मनु भाकर की प्रमुख उपलब्धियां
- एशियाई खेलों में 25 मीटर पिस्टल टीम में स्वर्ण पदक (2022)
- विश्व चैम्पियनशिप, बाकू (2023) में 25 मीटर पिस्टल टीम में स्वर्ण पदक
- एशियाई शूटिंग चैम्पियनशिप, चांगवोन (2023) में पेरिस गेम्स 2024 के लिए कोटा स्थान
- विश्व कप, भोपाल (2023) में 25 मीटर पिस्टल में कांस्य पदक
- विश्व चैम्पियनशिप, काहिरा (2022) में 25 मीटर पिस्टल में रजत पदक
- वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्ज़, चेंगदू (2021) में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और महिला टीम स्पर्धा में दो स्वर्ण पदक
Manu Bhaker की पृष्ठभूमि
हरियाणा के झज्जर में जन्मी Manu Bhaker र ने स्कूल में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी जैसे खेलों में भाग लिया। उन्होंने ‘थांग ता’ नामक मार्शल आर्ट में भी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते। 2016 के रियो ओलंपिक के बाद उन्होंने निशानेबाजी में हाथ आजमाने का फैसला किया और उन्हें यह खेल बहुत पसंद आया।
Manu Bhaker की इस ऐतिहासिक जीत ने भारतीय निशानेबाजी को एक नया मुकाम दिया है। उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें ओलंपिक में पदक दिलाया और उन्होंने देश का मान बढ़ाया। इस जीत के साथ, मनु ने आने वाले समय के लिए नए मानक स्थापित कर दिए हैं।
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