अभी पूरा देश राम नाम में डूबा हुआ है, 22 जनवरी को प्रधान मंत्री मोदी के द्वारा राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होना है जिसको लेकर हर तरफ बस राम नाम की ही गुज सुनाई दे रहा है। इसी बीच लोग सोशल मीडिया x प्लेटफार्म पर #यादव_मांगे_श्रीकृष्ण_जन्मभूमि ट्रेंड्स करवा कर Shree Krishna Janambhumi की मांग तेज कर दिए है, जिसको लेकर अब हर तरफ Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case की चर्चा शुरू हो गया ।
क्या है Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case का विवाद ? आइये जानते है
Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case का विवाद:
Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case: ये पूरा विवाद 350 साल पुराना है. मामला 13. 37 एकड़ जम्में के मालिकाना हक़ को लेके है, इस पुरे जमीन में 11 एकड़ में Krishna Janmabhoomi बनी है और 2. 37 एकड़ Shahi Idgah हुआ मस्जिद के पास है. लेकिन हिन्दू पक्ष का दवा है की आज से 250 साल पहले जब दिल्ली के गद्दी पे औरंगजेब का शासन हुआ करता थे, उस समय 1670 में औरंगजेब ने मथुरा Krishna Janmabhoomi को तोड़ने का आदेश जारी किया था. इसके बाद मंदिर को तोड़ करगिरा दिया गया और उसी जमीन पर Shahi Idgah मस्जिद बनायीं गयी.
Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case के मामले कहा यह भी जाता है की मंदिर बनने के बाद जमीन मुसलमानो के हाथ में चली गयी और करीब 100 साल तक यहाँ हिन्दुओ का प्रवेश वर्जित रहा. फिर जब 1770 के मुग़ल मराठा युद्ध में मराठो ने युद्ध जीत लिया फिर यहाँ उन्होंने मंदिर बनवाया और उस समय तक यहाँ केशवदेव मंदिर हुआ करता था.
और फिर ये मंदिर धीरे धीरे कमजोर होता रहा फिर अंग्रेजो के शासन के समय 1815 में अंग्रेजो ने इस मंदिर की नीलाम कर दिया, तथा कशी के राजा ने जमीन खरीद लिया.
राजा चाहते थे की यहाँ मंदिर बने लेकिन मंदिर नहीं बन पाया और करीब 100 साल तक जगह ऐसा खाली पड़ा रहा और फिर ऐसी मामले को लेकर विवाद हो गया. मुस्लिम पक्ष का मानना है था की इस खाली जमीन में उनका भी हिस्सा था. और 1944 में ये जमीन उस समय के उद्दोगपति जुगल किशोर ने जमीन खरीद ली.
जब देश आजाद हुआ अरु 1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमिस्थान ट्रस्ट बना जिसे ये जमीन दे दी गयी.और ट्रस्ट ने यहाँ 1953 में मंदिर निर्माण कराया और फिर 1958 में एक नयी संस्था बानी जिसका नाम श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा शंस्थान रखा गया. और इस संस्था ने मुस्लिम पक्ष से एक समझौता किया की जमीन पर मनिदर और मस्जिद दोनों रहनेगे, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है की इस शंस्था का जन्मभूमि पर कोई क़ानूनी दवा नहीं है और श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट का मामना है की वह इस समझौतों को नहीं मानता.हिन्दू पक्ष का कहना है की कटरा केशव देव ज़मीन को श्रीकृष्ण को वापस दिया जाए. मुसलमानों को वहां जाने से रोका जाए. उस ज़मीन पर ईदगाह मस्जिद का जो ढांचा बना है उसे हटाया जाए.” इसी बात को लेकर पूरा विवाद है
Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case की कोर्ट में स्तिथि
Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Mosque Case के विवाद का इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि पहले कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की अर्जी पर होगी सुनवाई होगी। लेकिन अभी हाल ही में आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. देश की सर्वोच्च अदालत से आया फैसला हिंदू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना गया. कोर्ट कमिश्नर से सर्वे पर रोक लगाए जाने के बाद हिंदू पक्ष ने याचिका दाखिल कर रेवेन्यू सर्वे और प्रतिनिधित्व करने की मांग की है. जस्टिस मयंक जैन की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की. अब देखना है की आगे क्या होता है क्या अयोध्या जैसा ऐतिहासिक मामला यहाँ भी देखने को मिलेगा.
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