ईसाई धर्म का पवित्र ग्रंथ है, जो जीवन के कई पहलुओं पर मार्गदर्शन देता है। मांसाहार को लेकर बाइबल में अलग-अलग दृष्टिकोण मिलते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि बाइबल मांस खाने की अनुमति देती है, जबकि कुछ इसे मना करने के रूप में देखते हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि बाइबल मांसाहार के बारे में क्या कहती है और इसके पीछे क्या कारण हैं।
पुराने नियम में मांस खाने के नियम
बाइबिल दो भागो में बता है पुराण नियम और नया नियम, तो बाइबल के पुराने नियम में मांस खाने से संबंधित कई नियम बताए गए हैं। खासकर लैव्यवस्था और व्यवस्था विवरण की किताबों में यह साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि कौन से जानवरों का मांस खाया जा सकता है और कौन से नहीं।
- लैव्यवस्था 11:3-8 के अनुसार, जिन जानवरों के खुर अलग-अलग होते हैं और जो चबाकर खाना खाते हैं, उनका मांस खाया जा सकता है। परंतु सुअर का मांस वर्जित है।
- व्यवस्था विवरण 14:9-10 में कहा गया है कि केवल वे मछलियाँ खाई जा सकती हैं जिनके पंख और पखरियाँ हों। अन्य मछलियों का मांस मना है।
इस प्रकार, पुराने नियम के अनुसार, कुछ विशेष जानवरों का मांस खाना सही है, जबकि कुछ का मना किया गया है।
नए नियम में मांसाहार की अनुमति
नए नियम में मांस खाने के नियम बदलते हुए नजर आते हैं। प्रेरितों के काम 10:9-16 में एक दृष्टांत के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि अब सभी जानवरों का मांस खाया जा सकता है। भगवान ने प्रेरित पतरस को एक दृष्टांत में दिखाया कि सभी जानवर शुद्ध हैं और उन्हें खाने की अनुमति है।
इसलिए, नए नियम में मांसाहार की स्पष्ट रूप से अनुमति दी गई है, और पुराने नियम की सीमाएँ हटाई गई हैं।
व्यक्तिगत आस्था और मांसाहार
नए नियम में मांसाहार को लेकर व्यक्ति की पसंद और आस्था को महत्व दिया गया है। रोमियों 14:2-3 में कहा गया है कि कुछ लोग शाकाहार को अपनाते हैं और कुछ मांस खाते हैं। दोनों ही विकल्पों को सही माना गया है और एक-दूसरे की पसंद का सम्मान करने की बात कही गई है। इसका मतलब है कि मांस खाना या न खाना पूरी तरह से व्यक्ति की पसंद पर निर्भर है।
धार्मिक अवसरों पर मांस का त्याग
हालांकि बाइबल मांस खाने की अनुमति देती है, कई ईसाई विशेष धार्मिक अवसरों पर मांस का त्याग करते हैं। जैसे, लेंट (Lent) के दौरान मांस का त्याग एक सामान्य प्रथा है। यह त्याग आध्यात्मिक अनुशासन और संयम को बढ़ावा देने के लिए होता है।
निष्कर्ष:
बाइबल में मांस खाने पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं है। पुराने नियम में कुछ जानवरों का मांस खाने की सीमाएँ थीं, लेकिन नए नियम में सभी प्रकार के मांस को खाने की अनुमति दी गई है। मांस खाना या न खाना व्यक्ति की व्यक्तिगत आस्था और धार्मिक मान्यताओं पर निर्भर करता है। बाइबल मांसाहार को लेकर कोई सख्त नियम नहीं देती, बल्कि इसे व्यक्तिगत पसंद का विषय मानती है।
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