Gandhi JayantiGandhi Jayanti, Image Source:- freepik

Gandhi Jayanti हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, जो महात्मा गांधी के जन्मदिवस का प्रतीक है। उन्हें “राष्ट्रपिता” के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन उनके जीवन और सिद्धांतों को याद करने और अपनाने का अवसर है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई को दिशा दी और आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरित करते हैं।

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Gandhi Jayanti: गांधी जी का प्रारंभिक जीवन

महात्मा गांधी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जयंती पर हम उनके संघर्ष की शुरुआत को याद करते हैं, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव का सामना करते हुए किया। यहीं से उनके जीवन का संघर्ष अन्याय के खिलाफ अहिंसा के मार्ग पर चल पड़ा।

गांधी जी के सिद्धांत, अहिंसा और सत्याग्रह

महात्मा गांधी के जीवन के दो मुख्य सिद्धांत थे: अहिंसा (हिंसा न करना) और सत्याग्रह (सत्य की ताकत)। उनका मानना था कि सच्ची शक्ति बल प्रयोग से नहीं, बल्कि सत्य और अहिंसा के प्रति अडिग रहकर आती है। गांधी जयंती पर हम इन सिद्धांतों को याद कर उनके महत्व को समझते हैं, जो उन्होंने असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन में प्रदर्शित किया।

Gandhi Jayanti: भारत की स्वतंत्रता में गांधी जी की भूमिका

1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद, गांधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जयंती के अवसर पर हम उनकी अद्वितीय भूमिका को स्मरण करते हैं, जब उन्होंने दांडी मार्च जैसी घटनाओं के माध्यम से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध का नेतृत्व किया। इस दिन, हम उनके विचारों से प्रेरित होते हैं कि कैसे शांति और अहिंसा से भी सबसे बड़े साम्राज्य को चुनौती दी जा सकती है।

गांधी जी का भारत के लिए सपना

गांधी जी का सपना सिर्फ राजनीतिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं था, बल्कि उनका लक्ष्य सामाजिक और आर्थिक समानता का भी था। गांधी जयंती हमें उनके स्वदेशी आंदोलन और आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों को याद दिलाती है, जिनमें उन्होंने ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और खादी जैसे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की अपील की।

Gandhi Jayanti: गांधी जी की आज की प्रासंगिकता

हालांकि महात्मा गांधी का निधन हुए कई दशक बीत चुके हैं, उनके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। जब हम गांधी जयंती मनाते हैं, तब हमें अहिंसा, सहिष्णुता और पर्यावरणीय स्थिरता की आवश्यकता का एहसास होता है। उनका सादा जीवन और समाज के प्रति उनका दृष्टिकोण हमें सिखाता है कि आज के पर्यावरणीय और सामाजिक संकटों से कैसे निपटा जा सकता है।

गांधी जयंती सिर्फ एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह एक अवसर है अहिंसा, सत्य और न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को फिर से जागरूक करने का। इस दिन, हमें यह सोचना चाहिए कि हम महात्मा गांधी के कालातीत मूल्यों को अपने जीवन में कैसे लागू कर सकते हैं। गांधी जयंती हमें यह सिखाती है कि शांति और न्याय के रास्ते पर चलकर हम दुनिया को एक बेहतर और न्यायपूर्ण जगह बना सकते हैं।

गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!

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