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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी ने साइबर क्रिमिनल के खिलाफ साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कराई, जिसने DY Chandrachud जी के नाम पर कैब के किराए के लिए पैसे मांगे जिसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।

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DY Chandrachud:- सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जज चंद्रचूड़ के नाम पर फ्रॉड करने की कोशिश की:-

हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ को लेकर एक वायरल न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया। इस न्यूज़ में उनके द्वारा किए गए किसी बयान या निर्णय को लेकर चर्चाएँ हुईं, जो एक संवेदनशील मुद्दे से जुड़ा था।

 

Indian supreme court.
Indian supreme court image source-X

आज भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया डिजिटल हो चुका है, डिजिटल भारत होने से बहुत कुछ हमें फायदा तो है परन्तु के  कुछ बड़े नुकसान भी है, आज हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि साइबर अपराधी क्या कुछ कर सकते हैं।

इस बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि जब देश मे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पैसे मांगे जा सकते हैं तो हम लोगो के साथ क्या किया जा सकता है, साइबर क्रिमिनल्स कई तरह का अपराध कर सकता है.

बैंक अकाउंट, व्हाट्सएप, मोबाइल, कैमरा, फेसबुक अन्य के जरिए से आपके साथ अपराध कर सकता है हाल ही में एक मामला सामने आया एक स्कैमर ने उच्च न्यायाधीश चंद्रचूड़ के नाम पर फ्रॉड करन की कोशिश की.

स्कैमर ने मैसेज भेजो मैं चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (CJI) हूं. क्या आप मुझे ₹500 भेज सकते हैं मेरी कॉलेजियम के साथ  मीटिंग अपॉइंट है, मैं C.P. में फस गया हूं, जैसे ही मैं सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाऊंगा आपको मैं पैसे वापस भेज दूंगा.

स्कैमर ने अंत में यह लिखा कि इसे किस डिवाइस से भेजा गया है.

DY Chandrachud:- CJI चंद्रचूड़ जी ने क्या मामला दर्ज कराया?

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ अपने सख्त और निडर फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में दिए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों के माध्यम से समाज के विभिन्न तबकों में अपनी पहचान बनाई है।

चाहे वो महिला सशक्तिकरण का मामला हो, LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों का संरक्षण, या फिर धार्मिक और सामाजिक मामलों में संतुलित दृष्टिकोण का प्रदर्शन, चंद्रचूड़ का न्यायिक दृष्टिकोण हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं।

C.J.I. चंद्रचूड़ी जी ने साइबर क्राइम का मामला दर्ज करा कर उसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया, शेयर करते हुए. उन्होंने लिखा देश के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर ₹500 मांगने के साइबर फ्रॉड के मामले में सुप्रीम कोर्ट C.J. I. निर्देशन पर साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई है.

कुछ समाचार सूत्रों के मुताबिक मानहानि का भी मामला दर्ज है और सोशल मीडिया हैंडल पर भी साइबर क्राइम का मामला दर्ज है.

DY Chandrachud :- हमारे देश भारत में रोज कितने साइबर क्राइम के शिकार होते हैं?

 बात करें लोगों की तो, इस घटना के बाद लोगों के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कुछ लोग उनके पक्ष में खड़े हुए और उनके न्यायिक दृष्टिकोण की सराहना की, जबकि कुछ ने उनके बयानों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाया।

इसके बावजूद, चंद्रचूड़ का यह बयान एक बार फिर से न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता और सामाजिक न्याय की दिशा में उठाए गए कदमों की ओर इशारा करता है।

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के इस बयान से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय न्यायपालिका अब सिर्फ कानून की किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय के नए मापदंड स्थापित करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।

यह घटना बताती है कि न्यायपालिका के निर्णय केवल कानूनी ही नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होते हैं।

आज के समय हमारे भारत देश में साइबर क्राइम की ठगी बहुत तेजी से बढ़ चुकी है 2024 में (I4C) की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 मैं सिर्फ चार महीना में लगभग 4,7,0000 साइबर क्राइम फ्रॉड हुए हैं.

अनुमान लगाया जाए तो 470000 यानी की प्रति महीने सवा लाख( 1.5 L) साइबर फ्रॉड किया गया, आज के समय में भारत में हर रोज लगभग 7000 साइबर क्राइम फ्रॉड होते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ का यह वायरल न्यूज़ हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि एक न्यायाधीश का काम केवल कानून का पालन कराना ही नहीं होता, बल्कि समाज के संवेदनशील मुद्दों पर एक संतुलित और दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाना भी होता है।

उनके इस बयान ने न्यायपालिका की भूमिका को एक बार फिर से समाज के विभिन्न वर्गों में चर्चा का विषय बना दिया है।

DY Chandrachud:-  सब सबसे ज्यादा साइबर फ्रॉड ट्रेनिंग में होने के मामले सामने आए.

2024 के 4 महीना में लगभग 20043 ट्रेनिंग साइबर क्राइम फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए, इन सभी केशव में लगभग 1420 करोड़ की साइबर ठगी की गई,इन मामलों में ज्यादातर साइबर क्रिमिनल्स लोगों को बेहतरीन ट्रेनिंग देने के झांसा दे रहे थे और लालच देकर लोगों को लूट रहे थे.

साइबर स्कैन से लोगों को सावधान होने की जरूरत :-

साइबर क्रिमिनल्स ने आज लोगों के साथ कई प्रकार से साइबर स्कैम कर चुके हैं जैसे की बैंक अकाउंट के जरिए, किसी बेहतरीन लोन का झांसा देखे तो कभी लॉटरी के नाम पर इन स्कैमर्स ने शहर से लेकर गांव तक हर जगह स्कैन किए हैं.

आज के समय में यह स्कैमर्स नए तरीके से कम कर रहे हैं जैसे-जैसे तकनीकी बढ़ रही है वैसे-वैसे इनके तरीके भी अद्भुत होते जा रहे हैं, हाल ही में एक नया तरीका इन्होंने इजाद किया है कार्ड स्क्रैच का, यह मैसेज तथा अन्य तरीकों से भेजते हैं.

स्क्रैच कार्ड भेजा जाता है, जिसे स्क्रैच करके मनी जीतने का लालच दिया जाता है, और जैसे ही कोई कार्ड को स्क्रैच करता है  तो उसके नंबर पर मैसेज आने लगता है, जिसमें लाख या करोड़ रुपए आपके जीतने का दावा किया जाता है.

और इन्हीं सब लालच के झासे में आकर लोग अपने बैंक अकाउंट के डिटेल्स शेयर कर देते हैं और साइबर क्रिमिनल्स के शिकार हो जाते हैं.

DY Chandrachud :- डिजिटल भारत होने के कुछ फायदे और नुकसान

डिजिटल भारत के 10 फायदे:

1. ऑनलाइन शिक्षा:- दूर-दराज के इलाकों तक ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा पहुँचने से शिक्षा के स्तर में सुधार होता है।

2. डिजिटल बैंकिंग:-बैंक के कार्य ऑनलाइन होने से लोग अपने पैसों का लेन-देन बिना बैंक जाए कर सकते हैं।

3. स्वास्थ्य सुविधा:-टेलीमेडिसिन के माध्यम से लोग घर बैठे डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं और दवाओं की सलाह प्राप्त कर सकते हैं।

4. रोज़गार के अवसर:- डिजिटल भारत के माध्यम से लोग स्वतंत्र रूप से या दूरस्थ रूप से काम कर सकते हैं, जिससे नए रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं।

5. ई-कॉमर्स:- लोग घर बैठे अपनी आवश्यक वस्तुएँ ऑनलाइन खरीद सकते हैं, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है।

6. सरकारी सेवाएँ:-सरकार की कई सेवाएँ जैसे आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे लोगों को सुविधा मिलती है।

7. समय की बचत:- हर प्रकार के लेन-देन और सेवाएँ ऑनलाइन होने से लोगों का वह समय बचता है जो पहले लाइन में खड़े होने में जाता था।

8. महिला सशक्तिकरण:- महिलाओं को घर बैठे काम करने के अवसर मिलते हैं, जिससे उनका आर्थिक और सामाजिक स्तर बढ़ता है।

9. डिजिटल पहचान:- आधार और डिजिटल दस्तावेज़ों के जरिए पहचान प्रमाण रखना आसान हो गया है, जो कई जगह पर उपयोगी होता है।

10. ग्रामीण विकास:- गांव-गांव तक डिजिटल कनेक्टिविटी से ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी शहरी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

डिजिटल भारत के 10 नुकसान:

1. साइबर सुरक्षा:डिजिटल का प्रसार बढ़ने के साथ साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं, जिससे सुरक्षा का खतरा है।

2. अशिक्षित लोगों की कठिनाई: देश के कई हिस्सों में लोग डिजिटल तकनीक का उपयोग नहीं कर पाते, जिससे उन्हें कठिनाई होती है।

3. नौकरी का नुकसान:स्वचालन और डिजिटलीकरण के कारण कई लोगों की नौकरियाँ समाप्त हो रही हैं, जो पहले मैनुअल कार्य करते थे।

4. प्राइवेसी का खतरा: डिजिटल डेटा के गलत उपयोग का खतरा हमेशा बना रहता है, जो निजता के लिए हानिकारक हो सकता है।

5. इंटरनेट पर निर्भरता: डिजिटल होने से लोग इंटरनेट और स्मार्ट डिवाइस पर अधिक निर्भर हो गए हैं, जो अस्वास्थ्यकर हो सकता है।

6. कनेक्टिविटी की समस्या: ग्रामीण क्षेत्रों में खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी होने के कारण डिजिटल सुविधाएँ प्राप्त करने में परेशानी होती है।

7. डिजिटल विभाजन:अमीर और गरीब के बीच डिजिटल विभाजन बढ़ रहा है, जो सामाजिक असमानता को बढ़ावा दे रहा है।

8. डेटा का गलत उपयोग: बिना अनुमति के डेटा का उपयोग, उपयोगकर्ता के अधिकारों के विरुद्ध हो सकता है।

9. तकनीकी निर्भरता: हर कार्य डिजिटल होने से, यदि तकनीक विफल हो जाए, तो समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

10. व्यक्तिगत संबंधों में कमी: लोग अधिक समय ऑनलाइन बिताने लगते हैं, जिससे व्यक्तिगत संबंध कमजोर पड़ने लगते हैं।

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