sant kabirdas ji jayanti bodh diwassant kabirdas ji jayanti bodh diwas

Bodh Diwas: 19-21 मार्च तक संत गरीबदास महाराज जी का बोध दिवस मनाया जा रहा है, आइये आपको बताते है की कौन है संत गरीबदास महाराज जी जिनका नाम आज विश्व के बड़े समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है, और कैसे बने जगतगुरु और क्यों मनाया जाता है इनका बोध दिवस ?

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Bodh Diwas: कौन है संत गरीबदास जी महाराज?

Bodh Diwas: संत गरीबदास जी महाराज का जन्म भारत के हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के छुड़ानी गांव में वर्ष 1717 ई. में हुआ था। वह किसानों के परिवार से थे और उनके नाम पर काफी बड़ी जमीन थी। उनके पिता का नाम श्री बलराम और माता श्रीमती रानी था।  जनश्रुति के अनुसार जब ग़रीबदास बारह वर्ष के थे, उस समय भैंसें चराते हुए उन्हें संत कबीर के दर्शन हुए थे।

एक अन्य जनश्रुति के अनुसार ग़रीबदास को स्वप्न में संत कबीर के दर्शन हुए और उसी क्षण से इन्होंने उन्हें अपना गुरु मान लिया। सत्य यह है कि ग़रीबदास संत कबीर को अपना पथप्रदर्शक मानते थे और उन्हीं के सिद्धांतों से प्रभावित भी थे। ग़रीबदास ने कभी भी किसी संप्रदाय विशेष का भेष धारण नहीं किया और न उन्होंने गार्हस्थ्य जीवन का परित्याग ही किया। गरीबदास जी महाराज की छह संतानें थीं।

Bodh Diwas: क्यों मनाया जाता है बोध दिवस?

Bodh Diwas: बोध” पाली, संस्कृत और हिंदू धर्म में पाया जाने वाला एक शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है संवेदनशीलता, ज्ञान, समझ, आत्मज्ञान की स्थिति। इसलिए, “बोध दिवस” ​​एक आध्यात्मिक शब्द है जिसका अर्थ है वह दिन जब कोई व्यक्ति दार्शनिक और आध्यात्मिक ज्ञान से प्रबुद्ध होता है।

sant kabirdas ji jayanti bodh diwas
sant kabirdas ji jayanti bodh diwas( image source -sagar world team )

संत गरीबदास जी महराज के अनुयायियों के अनुसार बोध दिवस संपूर्ण मानव जाति के लिए पवित्र है क्योंकि इसी दिन संत गरीबदास जी महाराज ने भगवान कबीर से दीक्षा ली थी और फिर उन्होंने हमें सच्चा आध्यात्मिक ज्ञान दिया था। क्योंकि यह आध्यात्मिक ज्ञान इस मानव जीवन के सही अर्थ को समझने के लिए आवश्यक है, जो हमें सर्वोच्च ईश्वर को प्राप्त करने के लिए दिया गया है क्योंकि मोक्ष केवल मानव जन्म के माध्यम से ही संभव है।

बोध दिवस पर, उनके अनुयायी उन्हें सम्मान देने, उनकी शिक्षाओं को पढ़ने और उनके जीवन और विरासत का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह उनकी शिक्षाओं और उन मूल्यों पर विचार करने का समय है जिनके लिए वे खड़े रहे, और उनके मार्ग पर चलने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का समय है। तथा संत गरीबदास जी अपनी शिक्षाओं के लिए जाने जाते थे जो सभी धर्मों की एकता और सभी मनुष्यों की समानता पर केंद्रित थी। उन्होंने सरल और ईमानदार जीवन जीने के महत्व पर जोर दिया और सामाजिक सुधार और जातिगत भेदभाव के उन्मूलन की वकालत की।

आपके जानकारी के लिए >>>>>

National Creators Award Registration: रील बनाने वालो को सरकार देगी अवार्ड, ऐसे करे आवेदन

Abu Dhabi Hindu Temple: मुस्लिम देश में एशिया का सबसे बड़ा मंदिर बनकर तैयार, जाने खास बाते

Union Budget 2024: कैसे बनाया जाता है देश का बजट समझे आसान भाषा में

Guru Gobind Singh Jayanti 2024: गुरु गोबिंद सिंह जी का इतिहास और शिक्षाए

By Vijay Mark

मैं The News Ark में राजनीति, प्रौद्योगिकी और नौकरी से संबंधित समाचार लेख लिखता हूं और मुख्य संपादक के रूप में भी काम करता हूं, किसी भी प्रश्न या जानकारी के लिए contact@thenewsark.com पर मेल करें।

2 thoughts on “Bodh Diwas 2024 : क्यों मनाया जाता हैं संत गरीबदास जी महाराज का बोध दिवस?”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *