Home » Ayodhya Ram Mandir: जाने राम मंदिर में पानी भरने की असली वजह।
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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने छत से पानी टपकने की बात कही है। साथ ही राम मंदिर में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने की भी बात कही है। सत्येंद्र दास के बयान के बाद अब श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का बयान सामने आ गया है।

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Ayodhya Ram Mandir: मंदिर के गर्भगृह में पानी भर गया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने पुष्टि करते हुए कहा कि राम मंदिर की छत पहली ही बारिश में टपकने लगी है। उन्होंने कहा कि अगर एक-दो दिन में इंतजाम नहीं किए गए, तो दर्शन और पूजन बंद करना पड़ेगा। शनिवार देर रात दो से पांच बजे तक बारिश हुई। गर्भगृह के सामने मंडप में चार इंच पानी भर गया। लोगों को करंट उतरने का डर सता रहा था। इसी कारण सुबह चार बजे की आरती टार्च की रोशनी में करनी पड़ी। छह बजे की आरती भी ऐसे ही हुई है।

Ayodhya Ram Mandir: गर्भगृह से पानी निकले का कोई व्यवस्था

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने यूपी Tak से बात की. उन्होंने कहा, ‘देखिए पानी निकालने का वहां कोई साधन नहीं है. ऐसा तो था नहीं की बारिश में पानी टपकेगा. ऐसा किसी को संभावना नहीं थी और जो गर्भगृह बना हुआ है वहां पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है.

जहां से दर्शनार्थी दर्शन करते हैं वहां से भी पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है. रात में जब वर्षा हुई और पानी टपका, सुबह पुजारी लोग गए तो किसी तरह पानी को बाहर निकाला. पानी निकालने के बाद वर्षा भी बंद हो गई और उसके बाद सब कुछ पूर्ववत होने लगा.’

Ayodhya Ram Mandir

Ayodhya Ram Mandir: मंदिर निर्माण ट्रस्ट पर उठे सवाल

अयोध्या राम मंदिर महंत आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर के प्रकोष्ठ बनवाए जा रहे हैं। यहां पर अन्य मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। इन कार्यों के लिए अलग विभाग भी बनाया जा चुका है। इसमें खुशी की बात ये है कि इन मूर्तियों को 2025 तक स्थापित कर दिया जाएगा।

हालांकि, अभी तक जो मंदिर बन चुके हैं और जहां पर रामलला विराजमान हैं, वहां पहली ही बारिश में पानी टपकने लगा। मंदिर के अंदर भी बारिश का पानी भर गया था। हालांकि, इसको लेकर सलाह दी गई है कि राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को इस बात भी ध्यान देना चाहिए कि यहां पर निर्मित हो चुके मंदिरों से पानी क्यों टपक रहा है।

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