Tumabbad Movie Review- सोहम शाह की प्रमुख भूमिका वाली तुम्बाड आज, 13 सितंबर को फिर से सिनेमाघरों में आ गई है। हालांकि, 2018 में जब यह पहली बार रिलीज़ हुई थी, तब इसे दर्शकों से कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। फिल्म में न तो कोई बड़े सितारे थे और न ही इसका मार्केटिंग अभियान उतना दमदार था। सिनेमाघरों में सीमित सफलता रही, परन्तु OTT पर लोकप्रिय रही
Highlights
Tumabbad Movie Review: फ़िल्म कि कहानी।
तुम्बाड की कहानी लालच, भय और लोककथाओं के बीच बुनी गई है। फिल्म में भारतीय पौराणिक कथाओं और रहस्यमयी तत्वों का शानदार मिश्रण दिखाया गया है। इसकी सिनेमैटोग्राफी भी अद्भुत है, जो इसे एक बेहतरीन दृश्य अनुभव प्रदान करती है। फिल्म के दृश्य, जो डर और रहस्य के वातावरण को पूरी तरह से दर्शाते हैं, दर्शकों को रोमांचित कर देते हैं। सोहम शाह ने मुख्य किरदार विनायक राव के रूप में अपने बेहतरीन अभिनय से फिल्म को और भी गहराई दी है।
जय-अतुल संगीत बना बना रोमांच का केन्द्र
फिल्म का संगीत, जिसे अजय-अतुल ने रचा है, मराठी और पुरानी हिंदी संगीत के प्रभाव से प्रेरित है। यह फिल्म लालच और सोने के इर्द-गिर्द घूमती है, और इसके संगीत में सोने के धातुमय गुणों को महसूस कराया गया है। अजय-अतुल की धुनें फिल्म को एक ऐतिहासिक और रहस्यमयी अनुभव में ढालती हैं।
फिल्म के सह-निर्माता सोहम शाह का मानना है कि “तुम्बाड” का संगीत फिल्म के अद्वितीय और रहस्यमयी माहौल को जीवंत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अजय-अतुल की धुनें और राज शेखर के गीत फिल्म की दुनिया को जीवंत कर देते हैं और मुख्य पात्र की भावनात्मक यात्रा को और गहरा बनाते हैं।
राज शेखर के लिखे गीत मुख्य पात्र विनायक राव (जिसे सोहम शाह ने निभाया है) की आंतरिक उथल-पुथल और भावनाओं को गहराई से उजागर करते हैं। गीतों के माध्यम से पात्र की भावनात्मक यात्रा दर्शकों के सामने और भी स्पष्ट हो जाती है।
Tumabbad Movie Review: फिल्म कि री -रिलीज़ कारण।
सिनेमाघरों में शुरुआत में तुम्बाड ज्यादा दर्शकों को आकर्षित नहीं कर सकी। हालांकि, इसे देखने वाले कुछ लोगों ने इसकी अनूठी कहानी और डरावनी शैली की प्रशंसा की। जब फिल्म OTT प्लेटफार्मों पर उपलब्ध हुई, तब इसे धीरे-धीरे लोकप्रियता मिलने लगी। 2018 में, जब OTT प्लेटफॉर्म आज की तरह बड़े नहीं थे, तुम्बाड ने वहां से अपनी जगह बनानी शुरू की। फिल्म की कहानी और बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी ने दर्शकों को प्रभावित किया
6 साल बाद सिनेमाघरो मे वापसी
अब, छह साल बाद, 13 सितंबर को तुम्बाड फिर से बड़े पर्दे पर आई है। इस बार फिल्म को अच्छे से प्रमोट किया गया है, और मुख्य अभिनेता सोहम शाह अब “महारानी” और “दहाड़” जैसे शो से दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो चुके हैं। फिल्म की टीम और फिल्म विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस बार फिल्म को पहले से ज्यादा दर्शक मिलेंगे, और यह अपने पिछले कलेक्शन को पार करने में सक्षम हो सकती है।
Tumabbad Movie Review: राज शेखर का महत्वपूर्ण योगदान
2018 में रिलीज़ हुई फिल्म “तुम्बाड” को भारतीय सिनेमा की सबसे अनोखी और चुनौतीपूर्ण फिल्मों में गिना जाता है। इस फिल्म की दोबारा रिलीज़ के मौके पर गीतकार राज शेखर का कहना है कि लोग सिनेमा का खोया हुआ जादू इस फिल्म में फिर से ढूंढ लेंगे।
राज शेखर, जिन्होंने अपने 13 साल के करियर में 25 से ज्यादा फिल्मों में योगदान दिया है, “तुम्बाड” को अपने करियर की सबसे खास फिल्मों में से एक मानते हैं। उन्होंने फिल्म के गीतों में कहानी की गहराई और पात्रों की भावनाओं को बखूबी उकेरा है।
Tumabbad Movie Review: निर्माता आनंद एल राय और राज शेखर का अनुभव
निर्माता आनंद एल राय, जिन्होंने राज शेखर के साथ “तनु वेड्स मनु” में भी काम किया था, बताते हैं कि राज ने एक गीतकार के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। “तुम्बाड” के लिए गीत लिखना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन राज के जुनून और भाषा पर उनकी मजबूत पकड़ ने अजय-अतुल की धुनों के साथ मिलकर फिल्म के सार को प्रभावी ढंग से पेश किया।
फिल्म विशेषज्ञ गिरीश जौहर और तरण आदर्श का मानना है कि फिल्म की दोबारा रिलीज़ को दर्शकों से अच्छा प्रतिसाद मिल सकता है। तरण आदर्श के अनुसार, फिल्म की एडवांस बुकिंग काफी मजबूत रही है, जो इसे उसके पहले रिलीज़ के कुल कलेक्शन के करीब पहुंचा रही है। हालांकि, यह भी देखा जाना बाकी है कि इस हफ्ते रिलीज़ होने वाली अन्य फिल्मों के साथ इसकी प्रतिस्पर्धा कैसी रहती है।
कुल मिलाकर, तुम्बाड एक अनोखी फिल्म बनकर उभरी है, जिसने समय के साथ अपनी पहचान बनाई है। इसकी दोबारा रिलीज़ एक बार फिर दर्शकों को इस रहस्यमयी और डरावनी दुनिया से रूबरू कराएगी।
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